तकनीकी शिक्षा के दिग्गज बैजूस ने मौजूदा सीधी बिक्री प्रक्रिया की जगह चार स्तरीय तकनीक आधारित आंतरिक बिक्री प्रक्रिया शुरू की है। फर्म ने कहा कि बिक्री का नया मॉडल अधिक सख्त, पूरी तरह दूरस्थ और केंद्रीकृत तकनीक पर आधारित ऑडिट प्रक्रिया है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि हर बिक्री की तीन बार जांच की जाए। बैजूस के 15 करोड़ से अधिक पंजीकृत छात्र हैं।
इस फर्म की आक्रामक बिक्री रणनीति की कई वर्षों से आलोचना होती रही है। इसलिए कंपनी ने बिक्री रणनीति में बदलाव किया है। इसके तहत यह आरोप भी लगे हैं कि अभिभावकों को गलत जानकारी दी गई और उनकी पहुंच के बाहर के पाठ्यक्रमों को खरीदने के लिए बाध्य किया गया है। बैजूस इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी मृणाल मोहित के अनुसार,’बैजूस पारदर्शी बिक्री तंत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
हमारी तकनीक पर आधारित चार स्तरीय एप्रोच संवाद को बेहतर करेगी और गलत जानकारी मुहैया करवाने के संभावित / विरले बिक्री को नामुमकिन कर देगी।’ उन्होंने कहा,’हमारे सभी क्रियाकलापों का केंद्र छात्र हैं और हमारे लिए छात्रों का हित सर्वोपरि है।’
चार स्तरीय प्रक्रिया की शुरुआत में ‘जूम’ के सीधे प्रसारण वाले सत्र में बैजूस के उत्पादों के पोर्टफोलियो और नई वापसी नीति की जानकारी दी जाती है। इस प्रसारण को भविष्य के ऑडिट के लिए सुरक्षित भी रखा जाता है। कंपनी ने ग्राहकों के इंटेंट की जांच और खरीद की स्वीकृति पर कई तरह की जांच शुरू की हैं। पहले चरण में उपभोक्ताओं से मोबाइल ऐप के जरिये स्क्रीन पर शर्तें और अनुबंध पढ़ने की सहमति प्राप्त की जाती है।
इसके बाद इच्छुक उपभोक्तागण अपनी सहमति देते हैं। आर्डर की पुष्टि के बाद फिर से इसकी जांच की जाती है। इस तरह उत्पाद खरीदने वाले उपभोक्ता की दो बार जांच की जाती है। इसके बाद उपभोक्ता से ऐप पर एक सहमति प्राप्त की जाती है और इसके बाद बिक्री की प्रक्रिया पूरी होती है।
मोहित ने कहा,’हम ग्राहकों के अनुभव को बेहतर करने के लिए नियमित रूप से प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा,’ हमें भरोसा है कि नई एप्रोच बिक्री प्रक्रिया को शुरुआती स्तर पर अधिक कुशल, स्पष्ट और प्रभावशाली बनाएगी।