आज का अखबार

Assembly Elections: चुनावों को देखते हुए सरकार की नजर महंगाई पर

हालिया समय में सरकार ने गेहूं और कुछ दालों की भंडारण के मानदंडों को सख्त कर दिया है। इन मानदंडों को कुछ महीने पहले बनाया गया था।

Published by
संजीब मुखर्जी   
इंदिवजल धस्माना   
Last Updated- October 01, 2023 | 10:39 PM IST

Assembly Elections in 5 States: केंद्र ने त्योहार करीब आने और पांच राज्यों में चुनाव के मद्देनजर महंगाई पर करीबी नजर रखनी शुरू कर दी है। इस क्रम में सरकार विशेष तौर पर खाद्य उत्पादों पर ध्यान दे रही है और उनकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जब खाने की सामान की महंगाई का मामला आता है तो समय गंवाए बिना इस पर ध्यान दिया जाता है। सभी स्तरों के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है कि वे किसी भी जिंस के दाम बढ़ने की आशंका होने पर सजग रहें।’

सूत्रों ने कहा कि खाद्य उत्पादों से जुड़े सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी जिंसों के दामों पर करीबी नजर रखें और दामों में उतार-चढ़ाव होने पर साप्ताहिक आधार पर नजर रखें। अधिकारियों को महंगाई को नियंत्रित किए जाने वाले कदमों के बारे में फौरन शीर्ष अधिकारियों को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों को किसी भी उत्पाद की कमी होने पर जमाखोरों और सटोरियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि खाने के सामान से जु़ड़े विभागों और शीर्ष अधिकारियों को हर सप्ताह बैठक कर सभी पुराने और संभावित फैसलों की पुनर्समीक्षा करने के लिए कहा गया है।

हालिया समय में सरकार ने गेहूं और कुछ दालों की भंडारण के मानदंडों को सख्त कर दिया है। इन मानदंडों को कुछ महीने पहले बनाया गया था।

मिजोरम को छोड़कर अन्य विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में खुदरा महंगाई दर अगस्त में लगातार दूसरे महीने दो अंकों में रही है जबकि महंगाई की दर अगस्त में गिरकर 9.19 प्रतिशत आ गई थी। इससे पिछले महीने अखिल भारतीय स्तर पर महंगाई की दर 10.57 प्रतिशत थी।

इस क्रम में मिजोरम ने तुलनात्मक रूप से कम महंगाई का सामना किया। मिजोरम में अगस्त में महंगाई बढ़कर 5.33 फीसदी थी जबकि यह जुलाई में 4.13 प्रतिशत थी। इस क्रम में अन्य राज्यों में तो महंगाई की दर कम हुई लेकिन मिजोरम में महंगाई की दर अगस्त में बढ़ी थी।

सरकार ने खाद्य उत्पादों की समुचित आपूर्ति को बहाल रखने के लिए बीते मई से कई कदम उठा रही है। इस क्रम में गेहूं और गैर बासमती चावल के साथ प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार ने टमाटर के दाम 200 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंचने पर सस्ते दामों पर इसकी आपूर्ति भी की थी। टमाटर के दामों की निगरानी हालिया समय में और बढ़ा दी गई है।

खाद्य उत्पाद आमतौर पर आपूर्ति पर आश्रित हैं। इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक भी संभावित हस्तक्षेप तब तक नहीं करेगा जब तक इनके दाम सामान्य स्तर पर नहीं पहुंच जाते। लिहाजा सरकार और एजेंसियों की प्राथमिकता यह है कि वे हस्तक्षेप कर आपूर्ति को कायम रखें।

First Published : October 1, 2023 | 10:39 PM IST