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USFDA से दवा फर्मों को बढ़ेगी मंजूरी, भारतीय कंपनियों को 50% भागीदारी मिलने का अनुमान

आशिका रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, यूएसएफडीए से वैश्विक तौर पर करीब 762-782 एब्रिविएटेड न्यू ड्रग अप्रूवल (एएनडीए) की संभावना है।

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सोहिनी दास   
अंजलि सिंह   
Last Updated- December 15, 2023 | 9:34 PM IST

विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय कंपनियों द्वारा कैलेंडर वर्ष 2023 में अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (USFDA) से नई दवाओं के लिए मंजूरियों में 48-50 प्रतिशत भागीदारी मिलने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के लगभग समान है।

आशिका रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, यूएसएफडीए से वैश्विक तौर पर करीब 762-782 एब्रिविएटेड न्यू ड्रग अप्रूवल (एएनडीए) की संभावना है।

यदि हम यह अनुमान लगाते हैं कि मजूरियां मिलने के संदर्भ में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है, तो 2023 में भारतीय कंपनियों के लिए एएनडीए स्वीकृति संख्या 365-375 होने का अनुमान है, जो पिछले साल के लगभग 355 के आंकड़े से थोड़ा अधिक है।

इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (इंड-रा) में सहायक निदेशक कृष्णनाथ मुंडे ने कहा, ‘यूएसएफडीए की शर्तें पूरी करने के लिए कंपनियों ने वैश्विक नियामकीय परामर्शदाओं, प्रशिक्षण में सुधार और हाल के वर्षों में स्वचालन की मदद से अपनी प्रक्रियाएं मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इसके अलावा, विविधता पर ध्यान बढ़ाया गया है।’

मुंडे ने कहा कि मौजूदा समय में, यूएसएफडीए की जांच महामारी-पूर्व स्तरों पर पहुंचनी बाकी है। एजेंसी को 2023-24 के शेष समय और 2024-25 में यूएसएफडीए द्वारा जांच में तेज लाए जाने की संभावना है, हालांकि इससे कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं है।

इंड-रा का मानना है कि यदि यूएसएफडीए जांच विफल रहती हैं तो अमेरिकी बाजारों से ज्यादा कारोबार करने वाली और कम विविधता से जुड़ी कंपनियों को कुछ प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूएसएफडीए द्वारा हर साल कराई जाने वाली वैश्विक जांच की संख्या 2012-13 से 2018-19 के दौरान 2,600 के औसत से घटकर पिछले चार साल में करीब 1,100 रह गई। यूएसएफडीए अक्टूबर-सितंबर कैलेंडर वर्ष पर अमल करता है।

एमओएफएसएल के विश्लेषकों का मानना है, ‘भारतीय दवा संयंत्रों में निगरानी की संख्या बढ़कर 334 पर पहुंच गई है, जो 2012-13 में 112 थी। कोविड की अवधि के दौरान (2020-21, सितंबर में समाप्त 12 महीने) ऐसी जांच की संख्या घटकर आठ रह गई। कोविड के बाद, हालांकि भारतीय दवा संयंत्रों पर जांच की संख्या में मजबूत तेजी आई। सितंबर 2023 में समाप्त 12 महीनों के दौरान यह संख्या बढ़कर 139 पर पहुंचने का अनुमान है।’

टैबलेट, कैप्सूल और इंजेक्टीबल की ऊंची मंजूरी दर है, जबकि वर्ष के दौरान पाउडर और जेल श्रेणियां मंजूरियों में गिरावट दर्ज करेंगी।

लोगों के लिए सुरक्षित और प्रभावी जेनेरिक दवाओं तक पहुंच मजबूत बनाने तथा उद्योग की लागत घटाने के लिए तैयार कानून जेनेरिक ड्रग यूजर फ्री ऐक्ट (जीडीयूएफए) की वजह से यूएसएफडीए से मंजूरियों में तेजी आई है।

मुंडे ने कहा कि जीडीयूएफए की वजह से मंजूरी में लगने वाले समय में कमी लाने और लंबित एएनडीए को निपटाने में मदद मिली है।

एमओएफएसल के विश्लेषकों का यह भी मानना है कि भारतीय कंपनियों द्वारा आवेदनों की कुल दर घटी है। जहां आवेदनों की संख्या 2016-17 में 295 थी, वहीं 2022-23 में यह घटकर 183 रह गई।

First Published : December 15, 2023 | 9:28 PM IST