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अदाणी-हिंडनबर्ग मामला, SEBI के खिलाफ अवमानना याचिका दा​खिल

सेबी ने इस मामले में छह महीने का समय मांगा लेकिन अदालत ने 14 अगस्त, 2023 तक की तीन महीने की अवधि देने का इच्छुक था।

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भाविनी मिश्रा   
Last Updated- November 19, 2023 | 10:58 PM IST

अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में जांच का काम अदालत की तरफ से तय समयसीमा में पूरा नहीं करने पर बाजार नियामक सेबी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल की गई है।

वकील विशाल तिवारी ने यह याचिका दाखिल की है (जो इस मामले में याची भी हैं) और इसमें कहा गया है, सेबी को समयसीमा दिए जाने के बावजूद वह अदालत के निर्देशों का अनुपालन करने में नाकाम रहा और अदालत के निर्देशों के मुताबिक अंतिम रिपोर्ट जमा नहीं कराया है। 17 मई, 2023 के आदेश में अदालत ने सेबी को 14 अगस्त, 2023 तक रिपोर्ट जमा कराने को कहा था।

तिवारी ने कहा कि सेबी को शुरू में जांच करने और 14 अगस्त तक रिपोर्ट जमा कराने को कहा गया था। सेबी ने इस मामले में छह महीने का समय मांगा लेकिन अदालत ने 14 अगस्त, 2023 तक की तीन महीने की अवधि देने का इच्छुक था।

इसके बाद सेबी ने रिपोर्ट जमा कराने के लिए 15 दिन और मांगा। 25 अगस्त, 2023 को सेबी ने जांच की यथास्थिति रिपोर्ट जमा कराई और कहा कि कुल मिलाकर उसने 24 जांच की है, जिसमें से 22 पूरी हो गई है और दो की प्रकृति अंतरिम है।

तिवारी ने अदामी समूह की कंपनियों के खिलाफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की हालिया प्रकाशित रिपोर्ट का संदर्भ भी दिया, जिसमें शेयर बाजार में मनमुताबिक फेरबदल का आरोप लगाया
गया है।

याचिका में कहा गया है, अदाणी समूह के खिलाफ ओसीसीआरपी की ताजा रिपोर्ट ने भारत में नया राजनीतिक व आर्थिक भूचाल पैदा किया है। रिपोर्ट में गौतम अदाणी की फैमिली की तरफ से अस्पष्ट मॉरीशस फंडों के जरिये खुद की कंपनियों में करोड़ों डॉलर निवेश करने का आरोप लगाया गया है।

First Published : November 19, 2023 | 10:42 PM IST