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अगले वर्ष के शुरू तक लाएंगे ई-ट्रैक्टर, कई घंटे चलेगी बैटरी; TII के कार्यकारी चेयरमैन ने Interview में बताया प्लान

TII के कार्यकारी चेयरमैन अरुण मुरुगप्पन ने कहा कि अपने तिपहिया वाहन की शुरुआत के करीब छह महीने बाद वह दक्षिण भारतीय बाजार में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर चुकी है।

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शाइन जेकब   
Last Updated- May 29, 2024 | 11:31 PM IST

Tube Investments of India: चेन्नई के मुरुगप्पा ग्रुप के निवेश वाली ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया (TII) छोटे वाणिज्यिक वाहनों और ट्रैक्टरों में पैठ के जरिये इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में अपनी मौजूदगी का विस्तार करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। TII के कार्यकारी चेयरमैन अरुण मुरुगप्पन ने कहा कि अपने तिपहिया वाहन की शुरुआत के करीब छह महीने बाद वह दक्षिण भारतीय बाजार में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर चुकी है। शाइन जैकब के साथ विशेष बातचीत में मुरुगप्पन ने ईवी क्षेत्र की कार्य योजना, सेमीकंडक्टर योजनाओं और फेम-3 की मांग के बारे में चर्चा की। प्रमुख अंश …

आप बीएसए और हरक्यूलिस जैसी जानी-मानी साइकिलों के विनिर्माता हैं। ईवी में आपके प्रवेश की क्या वजह है?

मूल कंपनी टीआईआई 90 प्रतिशत वाहन उद्योग पर निर्भर थी। हमने फैसला किया कि हमें अन्य कारोबारों में विविधता लानी होगी और उनमें से चार – चिकित्सा, इलेक्ट्रिक वाहन, सीडीएमएव (अनुबंध विकास) और इलेक्ट्रॉनिक्स को चुना। ईवी में हमने चार प्लेटफॉर्म के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया और ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स क्लीन मोबिलिटी (टीआईसीएम) नामक सहायक कंपनी बनाई। इसके तहत हम पहले ही तिपहिया वाहन और 55 टन वाले ट्रक पेश कर चुके हैं।

आप छोटे वा​णि​ज्यिक वाहनों पर बड़ा दांव क्यों लगा रहे हैं?

अंतिम छोर की डिलिवरी में इले​​​क्ट्रिफिकेशन पर जोर दिया जा रहा है। छोटे वा​णि​ज्यिक वाहन शहर में आसानी से चलाए जा सकते हैं। एक बार चार्ज करने पर वे एक दिन में 150 से 200 किलोमीटर चल सकते हैं। हमें लगता है कि साल 2030 तक इन छोटे वा​णि​ज्यिक वाहनों में से 25 से 30 प्रतिशत ईवी हो जाएंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर साल 10 से 15 प्रतिशत के बीच पैठ करनी होगी।

नीतिगत पक्ष की ओर से आपको किस तरह के समर्थन की जरूरत है क्योंकि इनमें से अधिकांश श्रेणी फेम सब्सिडी से बाहर हैं?

फेम योजना में ट्रैक्टर, हल्के वाणिज्यिक वाहन तथा मध्य और भारी वाणिज्यिक वाहन शामिल नहीं हैं। ये ऐसे वाहन हैं, जो प्रदूषण फैलाते हैं और 50 प्रतिशत वाणिज्यिक वाहन इन श्रे​णियों से ही हैं। हमने इन श्रे​णियों को फेम में शामिल करने के लिए एनएचएआई के जरिये केंद्र सरकार से संपर्क किया है।

बैटरी और सेमीकंडक्टर आपूर्ति के संबंध में आपकी क्या योजनाएं हैं?

बैटरी के मामले में हमने भागीदारों के साथ करार किया है। हम इस साल के अंत तक कोयंबत्तूर में बैटरी पैकिंग संयंत्र लगाएंगे। सेमीकंडक्टर के मामले में सीजी पावर को साणंद में सेमीकंडक्टर के लिए लाइसेंस मिला है। हम सीजी पावर की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे। यह इकाई वित्त वर्ष 26 में चालू हो जाएगी और करीब 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। हमारे पास रेनेसास नामक तकनीकी भागीदार है।

ट्रैक्टरों के संबंध में आपकी रणनीति क्या है?

ट्रैक्टरों में कुछ समय लगेगा। बैटरी को कई घंटों तक चलना चाहिए। हमें बैटरी को लंबे समय तक चलाने का तरीका खोजने की जरूरत है। अगले साल की शुरुआत तक हम ट्रैक्टर लेकर आएंगे।

First Published : May 29, 2024 | 11:05 PM IST