कलपुर्जा उद्योग में कुशल श्रमिकों की कमी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:10 AM IST

वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संगठन के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा है कि कुशल कामगारों की किल्लत से देश के वाहन कलपुर्जा फर्मों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है जबकि मांग में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। वह वाहन कलपुर्जा उद्योग के प्रदर्शन पर वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। कुशल कामगारों की कमी की वजह लॉकडाउन में बड़े शहरों से मजदूरों का पलायन है।
वाहन कलपुर्जा उद्योग करीब 50 लाख लोगों को रोजगार देता है, जो देश की जीडीपी में 2.5 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में 25 फीसदी और निर्यात में 4 फीसदी का योगदान करता है। जैन ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण उत्पादकता पर असर पड़ा है, लेकिन बड़ी चिंता श्रमिकों की किल्लत को लेकर है।
जैन ने कहा, हम अभी भी और कुशल कामगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारे अनुमान के मुकाबले ज्यादा तेज गति से रिकवरी हुई है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति शृंखला सुस्त मांग भी पूरा करने में सक्षम नहीं है। तीन महीने पहले के मुकाबले मजदूरों की उपलब्धता में खासा सुधार हुआ है, लेकिन वे कुशल नहीं हैं और उन्हें प्रशिक्षित करना होगा।  मंं जैन की टिप्पणी उस चिंता के बीच आई है जहां वाहन कंपनियां आपूर्ति शृंखला के अवरोध को लेकर और चिंता जताती रही है और स्थानीय लॉकडाउन ने उसमें होने वाली तेजी को सुस्त कर दिया है। शुक्रवार को गणेश चतुर्थी से शुरू हो रहा त्योहारी सीजन को लेकर वाहन कंपनियों ने आक्रामक योजना बनाई है और वे उत्पादन बढ़ा रहे हैं। अगले महीने ओणम है।
इस बीच, वाहन कलपुर्जा फर्मों का संचयी राजस्व वित्त वर्ष 2020 में तीन साल के निचले स्तर पर आ गया और यह 11.7 फीसदी घटकर 49.2 अरब डॉलर यानी 2,49,637 करोड़ रुपये रह गया। यह गिरावट वाहन निर्माताओं की तरफ से देखी गई सुस्ती की अगुआई में हुई। वित्त वर्ष में वाहनों की बिक्री 18 फीसदी घटी क्योंकि अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई और कुछ नियमों ने अधिग्रहण लागत बढ़ा दी, जिसका असर उपभोक्ताओं की धारणा पर पड़ा।
जैन ने कहा, अगर विनिर्माण वाले इलाकों में लॉकडाउन न हुआ और कुशल कामगारों की किल्लत नहीं हुई तो वाहन कलपुर्जा उद्योग का प्रदर्शन त्योहारी सीजन में कोविड के पहले के स्तर पर लौट आने की उम्मीद है।

First Published : August 20, 2020 | 12:35 AM IST