घरेलू वाहन उद्योग ने वित्त वर्ष 2022-23 में विभिन्न वाहन सेगमेंट एवं किस्मों के तहत 108 अरब डॉलर (करीब 8.7 लाख करोड़ रुपये) मूल्य के कुल 2.7 करोड़ वाहनों का उत्पादन किया। इसमें मूल्य के हिसाब से पैसेंजर वाहनों की हिस्सेदारी 57 प्रतिशत रही।
प्रबंधन सलाहकार फर्म प्राइमस पार्टनर्स ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कुल वाहनों में कॉमर्शियल वाहन सेगमेंट की हिस्सेदारी 10 लाख वाहनों की रही जिनका मूल्य करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में देश में कुल दो करोड़ दोपहिया वाहनों का उत्पादन हुआ जो कुल वाहनों का करीब 77 प्रतिशत है। वहीं मूल्य के हिसाब से 1.8 लाख करोड़ रुपये वाले दोपहिया सेगमेंट की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत रही है। इस अवधि में देश के वाहन उद्योग में करीब 1.9 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था।
रिपोर्ट कहती है कि पैसेंजर वाहन सेगमेंट में मध्यम आकार और पूर्ण आकार वाले एसयूवी उप-खंडों (sub-segment) की हिस्सेदारी मूल्य के लिहाज से आधे से भी अधिक रही।
कॉम्पैक्ट एसयूवी उप-खंड ने भी कुल वाहनों के मूल्य में 25 प्रतिशत योगदान दिया। वहीं लक्जरी सेगमेंट के वाहनों ने मूल्य में 63,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजार में अब सस्ती ‘मिनी’ कारों और सेडान कारों को अधिक पसंद नहीं किया जा रहा है जिसकी वजह से इनकी हिस्सेदारी घटी है। जहां तक बैटरी-चालित वाहनों का सवाल है तो इसका बड़ा हिस्सा दोपहिया और तिपहिया खंड में ही देखने को मिला है।
रिपोर्ट कहती है कि भारतीय ईवी इंडस्ट्री चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे अग्रणी बाजारों से पीछे चल रही है लेकिन इस सेगमेंट में भारी निवेश होने से भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत नजर आते हैं।