facebookmetapixel
बड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीरचांदी के भाव ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगाStocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?Stock Market Today: सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान के साथ खुले, इन्फोसिस और जेबीएम ऑटो उछले50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिम

3D प्रिंटेड तकनीक से बने रॉकेट का प्रक्षेपण विफल, कई प्रयास नाकाम

Last Updated- March 12, 2023 | 9:36 AM IST
Relativity Space

लगभग पूरी तरह 3डी प्रिंटेड तकनीक से बने रॉकेट ‘टेरान’ की पहली उड़ान शनिवार को नाकाम रही। यह रॉकेट एक के बाद एक प्रक्षेपण में नाकाम होने के बाद अपने लॉन्च पैड पर ही खड़ा है।

शनिवार को इंजन चालू हुआ, लेकिन अचानक बंद हो गया जिससे रिलेटिविटी स्पेस का रॉकेट ‘टेरान’ अपने पैड पर ही खड़ा रहा। इसे केप केनवरल स्पेस फोर्स स्टेशन से दोबारा उड़ाने की कोशिश की गयी, लेकिन फ्लाइट कम्प्यूटर ने 45 सेकंड शेष रहते उलटी गिनती रोक दी।

रिलेटिविटी स्पेस ने शनिवार को पहली बार समस्या के लिए स्वचालित सॉफ्टवेयर को और दूसरी बार समस्या के लिए ईंधन के कम दबाव को जिम्मेदार ठहराया।

इस रॉकेट का बुधवार को भी प्रक्षेपण करने की कोशिश की गयी थी, लेकिन खराब वॉल्व के कारण एक मिनट के भीतर यह प्रयास नाकाम हो गया। अभी कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह फिर कब प्रक्षेपण का प्रयास करेगी।

यह रॉकेट 110 फुट लंबा है। रिलेटिविटी स्पेस ने कहा कि इंजन समेत रॉकेट का 85 प्रतिशत हिस्सा कैलिफोर्निया के लॉन्ग बीच में कंपनी के मुख्यालय में रखे बड़े 3डी प्रिंटरों से बनाया गया है।

First Published - March 12, 2023 | 9:36 AM IST

संबंधित पोस्ट