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एआई में शोध बढ़ाने पर जोर दे भारतः नडेला

एआई के कारण नौकरियां जाने के खतरे के डर पर नडेला का कहना था, ‘वर्ष 2000 में 40 लाख कॉल सेंटर कर्मचारी थे लेकिन अब इन कर्मचारियों की तादाद चौगुनी होकर 1.7 करोड़ हो गई है

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- January 08, 2025 | 11:49 PM IST

माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी सत्य नडेला ने भारत को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में बढ़-चढ़कर शोध करने का सुझाव दिया है क्योंकि गणित के क्षेत्र में भारत के पास बहुत प्रतिभाएं हैं। उनका यह भी कहना है कि एआई के कारण नौकरी जाने के डर को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है जबकि वास्तव में नई तकनीक नए अवसर भी लाएगी।

नडेला ने दिल्ली में बुधवार को एक वार्ता कार्यक्रम में हिस्सा लिया जिसमें इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री जितेंद्र प्रसाद और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने भी शिरकत की। भारत में इन दिनों इस बात को लेकर विमर्श हो रहा है कि भारत को एआई से जुड़े शोध पर पैसा खर्च करना चाहिए या इसे बड़े वैश्विक कंपनियों पर छोड़ देना चाहिए। इससे ही जुड़े एक सवाल के जवाब में नडेला ने कहा, ‘ऐसी कोई वजह नहीं है कि भारत इस दिशा में आगे बढ़कर काम न करे लेकिन आपको अपनी सीमाएं विशेष तौर पर परिभाषित करनी होगी। मुझे नहीं लगता है कि एआई में आगे की तकनीक की खोज हुई है और कोई बड़ी सफलता हासिल हुई है। मैं हमेशा कहता हूं कि अगर हम गणित के क्षेत्र में कोई बड़ी खोज कर लेते हैं तब हम एआई को पूरी तरह बदल सकते हैं और नया तरीका अपना सकते हैं।’

एआई के कारण नौकरियां जाने के खतरे के डर पर नडेला का कहना था, ‘वर्ष 2000 में 40 लाख कॉल सेंटर कर्मचारी थे लेकिन अब इन कर्मचारियों की तादाद चौगुनी होकर 1.7 करोड़ हो गई है इसलिए श्रमबल घटने की बात गलत है। हमारे यहां सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की संख्या बहुत ज्यादा है लेकिन अब भी बहुत सारे ऐप बनाने और कई कंपनियों को तकनीकी सेवाएं देने की जरूरत है। ऐसे में इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।’

आईटी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने सवाल पूछा कि क्या भारत को अपने डेटा सेट के आधार पर अपना एआई मॉडल तैयार करना चाहिए, इस पर नडेला ने जवाब दिया, ‘इससे मुख्य बाधा पूंजीगत निवेश की है और आप अरबों रुपये खर्च कर सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि हम शोध करके काम करने का तरीका सुधारें तब कम खर्च में यह संभव है। जैसे अगर पिछले साल अगर यह आंकड़ा 10 अरब का था तो हम शोध के साथ इसे 1 अरब कर सकते हैं। इस तरह आप पूरे खेल को बदल सकते हैं।’

हालांकि राज्यमंत्री प्रसाद ने एआई से जुड़ी चुनौतियों और खतरे की बात पर जोर देते हुए लोक सभा चुनावों के दौरान गृहमंत्री के फर्जी वीडियो का जिक्र किया जो वायरल हो गया था। उन्होंने कहा, ‘अभी हम नवाचार के समर्थक हैं और हमारे मौजूदा कानून और दिशानिर्देश कंपनियों को खुद नियम बनाने की आजादी दे रहे हैं जिसमें माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भरोसे के आधार पर मौजूद हैं।

First Published : January 8, 2025 | 11:42 PM IST