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सरकार देगी रुकी वाहन सब्सिडी, एक्स-फैक्ट्री प्राइस डिफॉल्टर्स को लौटाएगी 800 करोड़ रुपये

Published by
नितिन कुमार
Last Updated- May 08, 2023 | 11:31 PM IST

FAME Subsidy Scheme: इलेक्ट्रिक दोपहिया (E2W) वाहन विनिर्माता ग्राहकों को चार्जर के मद में लिया गया धन वापस करने को तैयार हैं, ऐसे में सरकार एक्स फैक्टरी मूल्य चूककर्ताओं को रोकी गई सब्सिडी की राशि जारी करने को तैयार है। सरकार फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग आफ (हाइब्रिड ऐंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME)-2 के तहत यह सब्सिडी देती है।

सरकार ने फरवरी में जांच शुरू होने से अब तक 1,110 करोड़ रुपये रोक रखा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें से 4 चूककर्ताओं एथर एनर्जी, ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस और हीरो मोटोकॉर्प की विडा को कुल 823 करोड़ रुपये जल्द जारी किए जाएंगे।

अधिकारियों ने कहा, ‘सभी कंपनियों ने ग्राहकों को चार्जर शुल्क वापस करने की इच्छा जताई है, ऐसे में हम उनका बकाया जारी करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन हम उनके अब तक के 1,100 करोड़ रुपये दावे में से 287 करोड़ रुपये तब तक रोक रखेंगे, जब तक कि वे ग्राहकों को पैसे वापस नहीं कर देतीं।’

भारी उद्योग मंत्रालय से ज्यादा भुगतान पाने की कतार में ओला आगे है। ओला को 367 करोड़ रुपये मिलेंगे। उसके बाद एथर को 275 करोड़ रुपये मिलेंगे। टीवीएस को 153 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। वहीं हीरो मोटोकॉर्प का सब्सिडी बिल 28 करोड़ रुपये होगा।

सूत्रों ने कहा कि जब कंपनियां ग्राहकों को पैसे लौटाए जाने का विस्तृत ब्योरा दाखिल कर देंगी तो शेष 287 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए जाएंगे।

बेंगलूरु की एथर को सबसे ज्यादा धन वापस करना है। कंपनी अपने 95,000 ग्राहकों को 140 करोड़ रुपये वापस करेगी, जिन्हें उसने इलेक्ट्रिक दोपहिया का 450 एक्स मॉडल बेचा है।

ओला को अपने एक लाख ग्राहकों को 130 करोड़ रुपये वापस करने हैं, जिन्होंने 30 मार्च, 2023 तक ओला एस1प्रो खरीदी है। हीरो मोटोकॉर्प अपने 1,100 ग्राहकों को 2.23 करोड़ रुपये वापस करेगी, जिन्होंने विडा वी1 प्लस और विडा वी1 प्रो मॉडल मार्च 2023 तक खरीदे हैं।

वहीं दूसरी तरफ टीवीएस 87,000 लोगों को 15.61 करोड़ रुपये वापस करेगी, जिन्होंने आईक्यूब एस मॉडल मई 2022 से मार्च 2023 के बीच खरीदा है। सरकार के इस कदम से स्कूटर कंपनियों को कार्यशील पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी और इससे उनका उत्पादन कार्यक्रम प्रभावित नहीं होगा, जिस चुनौती से वे जूझ रही हैं।

सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने ईवी विनिर्माताओं से विस्तृत समयसीमा प्रस्तुत करने को कहा है कि वे ग्राहकों को किस तरीके से पैसे वापस करेंगी।

सूत्रों ने कहा, ‘चूक करने वाली फर्मों से कहा गया है कि वे मंत्रालय को पैसे वापस करने की योजना की रूपरेखा सौंपें।’ अब तक हीरोमोटोकॉर्प ने ही ग्राहकों को पैसे वापस करने की समयसीमा तय की है।

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मंत्रालय को लिखे पत्र में कंपनी ने ग्राहकों को पैसे लौटाने के लिए 30 जून तक का वक्त तय किया है। अन्य कंपनियां भी जल्द ही सरकार को पैसे वापस करने की समयसीमा बता सकती हैं। धन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंत्रालय एक्स फैक्टरी मूल्य की जांच को अंतिम रूप देगा।

भारी उद्योग मंत्रालय ने फरवरी में जांच की पहल की थी, जब एक्स फैक्टरी मूल्य में चूक की शिकायत मिली। फेम के मानकों के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माताओं को दी जाने वाली सब्सिडी अधिकतम 1.5 लाख रुपये एक्स फैक्टरी मूल्य का पालन करने पर ही मिलता है।

खरीदारों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत वहनीय बनाने और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए फेम योजना में ऐक्स फैक्टरी मूल्य का प्रावधान किया गया था। फेम योजना के तहत दोपहिया वाहनों पर 15,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटे के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है, जो वाहन की लागत के 40 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता, जिसकी अधिकतम एक्स फैक्टरी कीमत 1.5 लाख रुपये तय की गई है। ईवी विनिर्माताओं को 17,000 रुपये से 66,000 रुपये प्रति इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन के हिसाब से सब्सिडी मिलती है।

First Published : May 8, 2023 | 11:31 PM IST