सेमीकंडक्टर चिप की बेहतर आपूर्ति के बीच भारतीय वाहन उद्योग ने मई महीने में विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के विनिर्माण में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसमें तिपहिया (20 प्रतिशत) और यात्री वाहन (16 प्रतिशत) सबसे आगे हैं। हालांकि निर्यात में 21 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
वाहन उद्योग ने स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की अधिक मांग और सेमीकंडक्टर चिप की बेहतर आपूर्ति की वजह से मई में 3,34,802 वाहनों के साथ घरेलू यात्री वाहनों की अब तक की सर्वाधिक थोक बिक्री भी दर्ज की है। पिछला शीर्ष स्तर मई 2018 में देखा गया था, जब घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3,01,238 रही थी।
मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) के वरिष्ठ कार्याधिकारी (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने 1 जून को मीडिया को यह जानकारी दी थी, जब दिग्गज वाहन कंपनियों ने अपनी थोक बिक्री के आंकड़ों की सूचना दी थी।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार यात्री वाहन का उत्पादन पिछले साल की तुलना में मई में 16 प्रतिशत तक बढ़कर 3,45,567 वाहन हो गया। मई महीने में तिपहिया वाहनों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत तक बढ़कर 71,649 वाहन हो गया है, जबकि दोपहिया वाहनों का उत्पादन छह प्रतिशत तक बढ़कर 17,06,654 वाहन हो गया है।
पिछले साल मई महीने की तुलना में वर्ष 2023 में इसी महीने के दौरान उत्पादन में यह वृद्धि सेमीकंडक्टर चिप किल्लत में राहत का संकेत देती है। टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों ने कहा है कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति संकट पीछे छूट गया है।
टाटा मोटर्स के समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) पीबी बालाजी ने चौथी तिमाही के आय के परिणाम की बैठक में कहा था कि सेमीकंडक्टर संकट का सबसे बुरा दौर पीछे रह गया है। दूसरी ओर मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही के आय परिणामों की बैठक के दौरान कहा था कि सेमीकंडक्टर चिप की कमी वित्त वर्ष 24 में बनी रहेगी। मई में मारुति का उत्पादन 9.8 प्रतिशत तक बढ़ा है, जबकि इसकी बिक्री में 15.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
श्रीवास्तव ने 1 जून को संकेत दिया था कि चिप आपूर्ति की स्थिति बेहतर हुई है और लंबित बुकिंग को काफी हद तक निपटा दिया गया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि चिप की कमी के कारण कुछ मॉडलों – अर्टिगा, एक्सएल6, ब्रेजा, ग्रैंड विटारा और फ्रॉन्क्स का उत्पादन प्रभावित हो रहा है और वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में आपूर्ति की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) का उत्पादन मई में 30 प्रतिशत तक बढ़ा है, जबकि इसकी बिक्री में 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।