केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले यानी तीसरे कार्यकाल में भारत प्रोडक्शन के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड की 50वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम बीएस मंथन (BS Manthan) में उन्होंने कहा कि भारत के नेट प्रोड्यूसर बनने में डीप टेक क्षेत्र का विशेष योगदान होगा।
बिजनेस स्टैंडर्ड मंथन में अखबार की एग्जिक्यूटिव संपादक निवेदिता मुखर्जी के साथ एक बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मेरे शब्दों को याद रखें, भारत एक उत्पादक राष्ट्र बन जाएगा और कई उत्पाद डीप टेक्नोलॉजी क्षेत्रों से आएंगे जो हर नागरिक के जीवन को प्रभावित करेंगे।’
रेलवे, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र वैश्विक क्षमता केंद्रों (Global Capability Centres-GCCs) के लिए एक पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार का ध्यान मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ सेवाओं (services) पर भी बराबर तौर पर है क्योंकि ‘दोनों ही रोजगार के बड़े अवसर हैं।’
वैष्णव ने आगे कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नियम लागू करने की जरूरत है। 1990 के दशक के विपरीत जब इंटरनेट सीमित था और कंटेंट प्रोवाइडर्स की कोई जिम्मेदारी नहीं थी, अब इसकी जिम्मेदारी प्लेटफार्मों को लेनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘और यह एक वैश्विक सहमति (global consensus) है जो उन सभी संचार और डिजिटल मंत्रियों के बीच बन रही है जिनसे मैं पिछले ढाई सालों में मिला हूं।’ ‘प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी लेनी होगी।’
वैष्णव ने यह भी कहा कि सेमीकंडक्टर बिजनेस (semiconductor business) में भारत के पास तीन प्रतिस्पर्धी फायदे (competitive advantages) हैं।
पहला, इसमें टैलेंट है जो पहले से ही हाई-एंड चिप डिजाइन कर रही है। दूसरा, भारत ने क्लीन एनर्जी (स्वच्छ ऊर्जा) की दिशा में बड़ी प्रगति की है।
उन्होंने कहा, “आज, दुनिया को वास्तव में आश्चर्य है कि हमारी बिजली उत्पादन क्षमता (power generation capacity) का लगभग 42 फीसदी हिस्सा ग्रीन एनर्जी के रूप में है।’
तीसरा फायदा यह है कि गुजरात के दहेज (Dahej ) में एक बड़ा केमिकल और गैस हैंडलिंग इकोसिस्टम है। उन्होंने कहा, ‘यह पूरी दुनिया में टॉप कुछ केमिकल इकोसिस्टममें से एक है।’
वैष्णव ने कहा, ‘ऐसे बहुत कम देश हैं जिनके पास इस प्रकार का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है।’