इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को अगले साल भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। यह उद्योग और शिक्षा जगत के सहयोग से किया जाएगा। शोध की सुविधा सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पीपीपी) के माध्यम से विकसित की जाएगी।
अधिकारियों, उद्योग के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों से बनी इंडिया सेमीकंडक्टर आरऐंडडी समिति ने शुक्रवार को मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी, उसके बाद सरकार ने यह घोषणा की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा, ‘यह संस्थान सेमीकंडक्टरों में भारत की बढ़ती क्षमताओं के बीच प्रमुख संस्थान होगा। यह आईएमईसी, नैनो टेक, आईटीआरआई और एमआईटी माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक लैब की तरह होगा, जो अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी संस्थानों में रहे हैं।’
आईएमईसी, नैनो टेक, एमआईटी और आईटीआरआई नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध संस्थान रहे हैं। आईएमईसी बेल्जियम का एक गैर लाभकारी संगठन है, जिसमें उन्नत सेमीकंडक्टर आरऐंडडी गतिविधियों पर शोधकर्ता काम करते हैं। वहीं ताइवान का आईटीआरआई मुख्य रूप से टीएसएमसी, ताइवान मास्क कॉर्प और अन्य इन्क्टूबेटेड कंपनियों के लिए जाना जाता है।
एमआईटी और नैनो टेक भी सूक्ष्म स्तर के विज्ञान व तकनीक पर सक्रियता से शोध कर रहे हैं। सरकार ने इसी तर्ज पर भारत में बीएसआरसी बनाने का लक्ष्य रखा है।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘सेमीकंडक्टर जगत के शीर्ष लोगों के समूह ने भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर को तैयार करने के लिए एक साथ बैठकर काम किया है।’