देश की प्रमुख वाहन कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा केरल में इलेक्ट्रिक वाहन का कारखाना लगा सकती है। कंपनी इसके लिए केरल सरकार से बात कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में दक्षिण भारत का यह राज्य सबसे आगे है।
रॉयटर्स की एक खबर में कहा गया है कि भारत की एक वाहन कंपनी और चीन की कंपनी शांक्सी ने 3 अरब डॉलर का साझा उपक्रम बनाने पर रजामंदी जताई है। इस उपक्रम के तहत गुजरात में कार उत्पादन प्लांट लगाया जाएगा। इस करार को केंद्र की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। मगर महिंद्रा ने इस खबर को ‘बेबुनियाद’ करार दिया।
इस बीच केरल के उद्योग मंत्री पी राजीव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘प्लांट लगाने के लिए बातचीत चल रही है। देश से बाहर की कुछ कंपनियां केरल आ रही हैं क्योंकि यहां ईवी का बड़ा बाजार है। हमारा इस पर जोर है। महिंद्रा अगले हफ्ते बात करने आएगी।’
उन्होंने कहा कि बातचीत सफल रही तो अगले साल फरवरी में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले केरल में औद्योगिक क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के लिहाज से केरल इस समय देश में सबसे आगे है। बीएनपी पारिबा की एक रिपोर्ट के अनुसार केरल में कुल वाहनों में 5.2 फीसदी ईवी हैं।
बीएनपी पारिबा की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कुल वाहनों में ईवी का आंकड़ा 3.2 फीसदी और कर्नाटक में 3.1 फीसदी ही है। ई-दोपहिया के मामले में भी 13.5 फीसदी के साथ केरल सबसे आगे है। कर्नाटक में ई-दोपहिया की हिस्सेदारी 11.5 फीसदी, महाराष्ट्र में 10.1 फीसदी और दिल्ली में 9.4 फीसदी है।
केरल को विझिंजम जैसा कंटेनर पोर्ट होने का भी फायदा मिल रहा है। राजीव ने कहा, ‘जहां तक ईवी बिक्री की बात है तो केरल शीर्ष पर है। हमने चार्जिंग के लिए पूरा तंत्र तैयार किया है। राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी केरल ऑटोमोबाइल ने भी इलेक्ट्रिक ऑटो बनाया है। हम उसके लिए कारखाना लगाने के मकसद से कुछ कंपनियों से चर्चा कर रहे हैं।’
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के अधिकारी से जब केरल योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले केरल चेन्नई, बेंगलूरु, मुंबई और दिल्ली में रोडशो कर राज्य की क्षमता को प्रदर्शित करेगा। राज्य सरकार की योजना 10 से 15 साल में केरल को हाईटेक केंद्र के रूप में विकसित करने की है। राज्य के उद्योग मंत्री ने कहा, ‘हम ज्ञान-आधारित उद्योगों पर ध्यान दे रहे हैं। उच्च कौशल वाला मानव संसाधन हमारी ताकत है।’
राज्य ने पहले से ही 22 ज्ञान-आधारित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनमें जेनरेटिव एआई, ब्लॉकचेन तकनीक, डेटा विश्लेषण, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और नैनोटेक्नोलॉजी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी ताकत और कमजोरी भांपकर प्राथमिकता वाले 22 क्षेत्र पहचाने हैं। केरल क्षेत्रफल के लिहाज से भले ही देश में छोटा है मगर सकल घरेलू उत्पाद में इसका 4 फीसदी योगदान है। यह देश की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है और प्रति व्यक्ति आय भी काफी ज्यादा है।’
दिन में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने सफाई देते हुए गुजरात की योजना वाली खबर को निराधार बताया।