वैश्विक महामारी के बावजूद बॉलीवुड के अति धनाढ्य वर्ग के बड़े सितारों ने इस साल महाराष्ट्र में 31 मार्च तक उपलब्ध स्टांप शुल्क में कटौती का फायदा उठाया है और लक्जरी संपत्तियां खरीदी हैं। रियल एस्टेट के विश्लेषकों और सलाहकारों ने कहा कि लंबे समय से घर से काम करने और कीमतों में नरमी से भी इस प्र्रवृत्ति को बढ़ावा मिला है। डेटा विश्लेषण करने वाली कंपनी जैपकी के अनुसार जब स्टांप शुल्क में कटौती की गई, तब देश की वित्तीय राजधानी में अमिताभ बच्चन और ऋतिक रोशन जैसे हिंदी सिनेमा के दिग्गजों से लेकर शेयर बाजार की प्रसिद्ध हस्ती आरके दमाणी और रहेजा परिवार द्वारा 2,269 करोड़ रुपये मूल्य की बड़ी संपत्तियां खरीदी गईं।
इनमें से सबसे बड़ी संपत्ति दक्षिण मुंबई के मलाबार हिल में दमाणी द्वारा अपने भाई के साथ खरीदी गई 1,001 करोड़ रुपये की थी, जहां मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला और अजय पीरामल जैसे अरबपति उद्योगपतियों के घर हैं।
संपत्तियां खरीदने वाली अन्य बॉलीवुड हस्तियों में अजय देवगन, जाह्नवी कपूर, सनी लियोनी, आनंद एल राय आदि शामिल हैं तथा कॉरपोरेट और बैंकिंग जगत के लोगों में केकी मिस्त्री, रहेजा परिवार, मोतीलाल ओसवाल फैमिली ट्रस्ट, स्मिता पारेख (दीपक पारेख की पत्नी) जैसी हस्तियां शामिल हैं।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने कहा कि दक्षिण-मध्य मुंबई इलाकों (वर्ली, प्रभादेवी, महालक्ष्मी, ताड़देव और लोअर परेल वगैरह) में वैश्विक महामारी के बाद से मांग में काफी इजाफा हुआ है।
राज्य में रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल 31 दिसंबर तक स्टांप शुल्क को पांच प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत और इस साल 31 मार्च तक दो प्रतिशत कर दिया था।
जैपकी के सह-संस्थापक संदीप रेड्डी ने कहा ‘इस वैश्विक महामारी के दौरान दो कारणों से लक्जरी बाजार टेस्ट मैच से हटकर टी-20 की तरफ आ गया है-महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टांप शुल्क में कटौती किया जाना, जिसने ऊहापोह की स्थिति वालों को प्रतिबद्ध कर दिया तथा घर से काम करने वाली संस्कृति ने बगीचों और कई मंजिलों वाले बड़े घरों की जरूरतों का संचालन किया।’ एनारॉक रिसर्च के अनुसार मुंबई शहर में वर्ष 2020 की चौथी तिमाही और वर्ष 21 की पहली तिमाह के दौरान संयुक्त रूप से (अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक) लगभग 25,700 आवास इकाइयों की कुल बिक्री हुई है। इसमें 2.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लग्जरी घरों की हिस्सेदारी करीब आठ प्रतिशत थी। एक साल पहले की इसी अवधि – अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच मुंबई शहर में करीब 21,550 इकाइयों की कुल बिक्री देखी गई थी। इनमें से छह उस लग्जरी श्रेणी की इकाइयां थीं, जिनके दाम 2.5 करोड़ रुपये से अधिक थे।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा ‘इस वैश्विक महामारी के दौरान भी लग्जरी बिक्री होने के प्रमुख कारणों में से एक था सरकार द्वारा स्टांप शुल्क शुल्क में कटौती।’
कुछ मामलों में बचाया गया स्टांप शुल्क काफी बड़ा था। उदाहरण के लिए आरके दमाणी के मामले में इस अरबपति निवेशक ने स्टांप शुल्क पर 20 करोड़ रुपये बचाए, क्योंकि उन्होंने इस साल 31 मार्च को संपत्ति का पंजीकरण कराया था, जब स्टाम्प शुल्क तीन प्रतिशत लागू था, जबकि अब यह पांच प्रतिशत है।
पुरी ने कहा कि इतने अधिक शुल्क पर ऊंची हैसियत वाले निवेशक भी संभावित बचत के लिए प्रवेश नहीं कर रहे हैं … केवल स्टांप शुल्क में कटौती से ही खरीदारों को चार करोड़ रुपये की संपत्ति पर कम से कम 12 लाख रुपये बचाने की मदद मिल जाती है तथा संपत्ति की औसत लागत के अनुरूप बचत बढ़ती रहती है। ग्राहक पर इस वैश्विक महामारी का न्यूनतम असर देखा जा रहा है, क्योंकि खरीदार बड़े स्तर पर नई और पुरानी दोनों तरह की मौके की संपत्तियां तलाश कर रहे हैं।
कीमतों में नरमी
विश्लेषकों ने कहा कि कोविड-19 और कुल मिलाकर बाजार की खराब धारणा की वजह से डेवलपर खरीदारों को आकर्षित करने के लिए योजनाओं, छूट और मुफ्त चीजों की पेशकश कर रहे थे और इसलिए दाम तर्कसंगत थे। रियल एस्टेट पर केंद्र्रित डेटा विश्लेषण फर्म सीआरई मैट्रिक्स के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक अभिषेक किरण गुत्ता ने कहा कि किफायती आवास की तुलना में लक्जरी इकाइयों में दामों का तर्कसंगत स्तर अधिक प्रमुख रहा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 या पिछले वर्ष की शुरुआत के मुकाबले इस साल दामों में 10 से 12 प्रतिशत तक की नरमी आई है। गुप्ता ने कहा कि उनका मानना है कि द्वितीयक बाजार की तुलना में प्राथमिक बाजार में अधिक लाभ या बिक्री दिखाई दी है, क्योंकि डेवलपर बेहतर विज्ञापन कर पाए, ब्रोकरों के जरिये बेहतर तरीके से संपर्क कर पाए और उनके पास दाम नियंत्रित करने की क्षमता वगैरह थी।