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स्पूतनिक का वैश्विक उत्पादन केंद्र भारत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:00 AM IST

रूस का सॉवरिन वेल्थ फंड अपने कोविड-19 टीके स्पूतनिक वी के लिए भारत में विनिर्माण क्षमता तैयार कर रहा है, जहां से इसकी आपूर्ति देश और दुनिया में होगी। ग्लैंड फार्मास्यूटिकल्स इस टीके की 25.2 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करेगी। सूत्रों ने दावा किया कि बेंगलूरु की स्ट्राइड्स फार्मा साइंस भी अनुबंध पर स्पूतनिक वी के उत्पादन की दौड़ में शामिल है। हैदराबाद की एक अन्य कंपनी हेटेरो स्पूतनिक वी की 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करने जा रही है।
आरडीआईएफ ने भारत में अगले 12 महीनों में 25 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने की योजना बनाई है। शेष खुराकों की दुनिया भर में आपूर्ति की जाएगी। स्ट्राइड्स ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। स्पूतनिक वी टीका 91.6 फीसदी प्रभावी रहा है। यह सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए जा रहे एस्ट्राजेनेको-ऑक्सफर्ड के टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन से प्रभावीपन के मामले में काफी ऊपर है। भारत में अभी ये दोनों टीके ही लगाए जा रहे हैं।
इन खबरों से ग्लैंड फार्मा के शेयर बीएसई पर कारोबारी सत्र के अंत में करीब सात फीसदी चढ़कर बंद हुए। वहीं रशियन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) की भारतीय साझेदार डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) के शेयर 2.4 फीसदी चढ़े। भारत में स्पूतनिक वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की समीक्षा हो रही है। भारत में इस टीके की बिक्री डीआरएल करेगी। यह ब्रिज चिकित्सकीय परीक्षणों के लिए आरडीआईएफ के साथ काम कर रही है ताकि यह साबित किया जा सके कि स्पूतनिक वी टीका भारतीय लोगों पर भी सुरक्षित एवं प्रतिरक्षा बढ़ाने वाला रहा है। टीकों पर भारतीय विशेषज्ञ समिति ने डीआरएल से कहा है कि वह टीके के प्रतिरक्षा से संबंधित और ब्योरे मुहैया कराए।
अगर कोविशील्ड की चार सप्ताह के अंतर पर दो खुराक दी जाती हैं तो इसके प्रभावी होने का स्तर 53 फीसदी है। वहीं बारह सप्ताह के लंबे अंतराल पर खुराक दिए जाने पर इसे 79 फीसदी प्रभावी पाया गया है। ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका ने कहा था कि उनका टीका समग्र रूप से 62 फीसदी प्रभावी है। दूसरी तरफ कोवैक्सीन को तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण के अंतरिम आंकड़ों में 80.6 फीसदी प्रभावी पाया गया है।
चीन की फोसुन समर्थित ग्लैंड फार्मास्यूटिकल्स ने कहा कि उत्पादन 2021 की तीसरी तिमाही से और आपूर्ति चौथी तिमाही से शुरू होने के आसार हैं। ग्लैंड फार्मा सबसे पहले अपनी विनिर्माण इकाइयों में दवा पदार्थ का तकनीकी हस्तांतरण करेगी। उसके बाद कंपनी दवा पदार्थ का उत्पादन करेगी और दवा उत्पाद को कीटाणुहीन स्थितियों में शीशियों में भरेगी। ग्लैंड फार्मा पहले ही बड़े पैमाने पर स्टेराइल इंजेक्टेबल का उत्पादन करती है।
डीआरएल ने पहले कहा था कि आरडीआईएफ ने विभिन्न विनिर्माण साझेदारों के जरिये अगले 12 महीने में 25 करोड़ खुराकों के उत्पादन की योजना बनाई है। शेष खुराक भारत से अन्य देशों को निर्यात की जाएंगी, जहां स्पूतनिक वी को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इस टीके को 51 देशों में पहले ही मंजूरी मिल गई है, जिनकी कुल आबादी 1.3 अरब है। नवंबर में आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रिव ने कहा था कि विनिर्माण साझेदारों के जरिये दुनिया भर में स्पूतनिक वी की एक अरब खुराकों की आपूर्ति करने की योजना है। हालांकि दिमित्रिव ने प्रत्येक देश में उत्पादन क्षमता की योजना के बारे में नहीं बताया, लेकिन यह कहा कि उन्होंने भारत, चीन, ब्राजील, कोरिया, हंगरी और कुछ अन्य जगहों पर साझेदारी की हैं। आरडीआईएफ पहले ही दुनिया भर की कई कंपनियों के साथ उत्पादन साझेदारी कर चुकी है। इनमें ब्राजील की यूनिओ कुईमीका, इटली की एडिएने फार्मा ऐंड बायोटेक और दक्षिण कोरिया की कोरुस फार्मा आदि शामिल हैं।
आरडीआईएफ ने संकेत दिया है कि लॉजिस्टिक को आसान बनाने के लिए एक रूप विकसित किया जा रहा है, जो 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्थिर रहेगा। दिमित्रिव ने कहा कि यह लायोफिलाइज संस्करण होगा। लायोफिजाइजेशन या आम बोलचाल में फ्रीज ड्राइंड कम तापमान पर निर्जलीकरण की एक प्रक्रिया है, जिसमें उत्पाद को जमाया जाता है, दाब कम किया जाता है और फिर सब्लीमेशन के जरिये बर्फ को हटाया जाता है। यह निर्जलीकरण के विपरीत है, जिसमें ताप का इस्तेमाल कर पानी को वाष्पित किया जाता है। इस तरह स्पूतनिक वी सूखे रूप में होने से लॉजिस्टिक से संबंधित बहुत से दिक्कतें दूर हो जाएंगी और इसकी पहुंच में सुधार आएगा। इसे अभी खराब होने से बचाने के लिए 1-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। स्पूतनिक वी टीका गमालया नैशनल रिसर्च इंस्टीट््यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ऐंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया है और इसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजीकृत किया है। यह कोविड-19 के खिलाफ विश्व का पहला पंजीकृत टीका बना था।

महाराष्ट्र ने केंद्र से मांगा अतिरिक्त टीका
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र से हर सप्ताह 20 लाख टीकों की खुराक आपूर्ति करने की मांग की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को 15 मार्च को पत्र लिख कर टीके की 2.20 करोड़ खुराक की मांग की है। टोपे ने आग्रह किया है कि वह राज्य को प्रत्येक सप्ताह 20 लाख खुराक की आपूर्ति करे।
छह राज्यों में ज्यादा मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए मामलों में लगातर वृद्धि होने की जानकारी मिली है। 24 घंटे में संक्रमण के 79.73 प्रतिशत नए मामले इन्हीं राज्यों के सामने आए हैं। देश में 24 घंटे के दौरान कोरोनावायरस संक्रमण के 24,492 नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक 15,051 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा पंजाब से 1,818 और केरल से 1,054 नए मामले सामने आए हैं।
सोमवार को 30 लाख टीका
देश में सोमवार को एक दिन में अब तक सबसे अधिक करीब 30 लाख लोगों को कोविड-19 टीके लगाए गए। इसके साथ ही देश में लगाए जा चुके टीकों की कुल संख्या 3,29,47,432 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि 15 दिन के अंदर 60 साल से अधिक आयु के एक करोड़ लोगों को टीके लगाए गए हैं।
गुजरात, मप्र में रात का कफ्र्यू
गुजरात सरकार ने मंगलवार को चार बड़े शहरों में रात का कफ्र्यू दो घंटे के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया।  अहमदाबाद, बड़ोदरा, सूरत और राजकोट में अब रात के 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक कफ्र्यू लगा रहेगा। मध्य प्रदेश  सरकार ने भोपाल और इंदौर में रात का कफ्र्यू लगाने की घोषणा की है। वहीं 10 जिलों में रात 10 बजे बाजार बंद करने के आदेश दिए हैं।

First Published : March 16, 2021 | 11:07 PM IST