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निवेशकों में लोकप्रिय, अब नियमन पर नजर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:03 AM IST

दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी या आभासी मुद्राओं का कारोबार करीब 2.6 लाख करोड़ डॉलर से अधिक पहुंच गया है। रोज ऐसी 10,000 से अधिक मुद्राओं का कारोबार होता है। दुनिया में इन मुद्राओं का दबदबा जरूर बढ़ रहा है मगर भारत में इनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। अब एक बड़ा सवाल यह है कि भारत में इन पर प्रतिबंध लगेगा या फिर नियामक एक परिसंपत्ति के तौर इन्हें हरी झंडी दें देंगे? एक सवाल यह भी कि इन परिसंपत्तियों का नियमन किसकेपास होगा? ‘बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट’ में पांच सदस्यीय समिति ने ऐसे ही कुछ अहम विषयों पर चर्चा की।

इस समिति के ज्यादातर सदस्यों का मानना था कि डिजिटलीकरण के इस माहौल में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता बढ़ती ही जाएगी और अब सारा ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि आखिर इनका नियमन कैसे किया जाए। निशीथ देसाई एसोसिएट्स के संस्थापक निशीथ देसाई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही संकेत दे दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना एक बहुत ही कड़ा कदम होगा। अगर क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा मानी गई तो इसका नियमन आरबीआई के पास होगा मगर प्रतिभूति के रूप में परिभाषित होने पर इसके नियमन का उत्तरदायित्व सेबी के पास आ जाएगा।

क्रेबाको के संस्थापक एवं सीईओ सिद्धार्थ सोगानी ने कहा कि अगले तीन से पांच वर्षों के दौरान आभासी मुद्राओं के नियमन के लिए एक पुख्ता ढांचा तैयार हो जाएगा। सोगानी ने कहा अब कम से कम एक शुरुआती दिशानिर्देश एवं नियमन तैयार करने का समय आ आ गया है।

कॉयनस्विच के संस्थापक एवं सीईओ आशिष सिंघल के अनुसार आभासी मुद्राएं कई परिसंपत्तियों में विभाजित की जा सकती हैं और उसी अनुसार नियामक तय किए जा सकते हैं।

देश के युवा लोगों में क्रिप्टोकरेंसी काफी लोकप्रिय हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार भारत में डेढ़ से दो करोड़ लोग इन मुद्राओं दांव लगाते हैं। वजीरएक्स के सीईओ एवं सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी ने कहा कि इस समय देश के 2 करोड़ लोग क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ गए हैं और एक ऐसा समय भी आएगा जब प्रत्येक भारतीय के पास क्रिप्टो वॉलेट होगा। शेट्टी ने कहा कि भारत में युवा लोगों की आबादी अधिक है इसलिए क्रिप्टो की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग अपनी रकम का कुछ हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी में भी लगा रहे है। हालांकि इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा पर सवाल भी उठने लगे हैं।

क्रेबाको के संस्थापक एवं सीईओ सिद्धार्थ सोगानी ने कहा, निवेशकों को क्रिप्टो पर बड़े पैमाने पर दांव नहीं लगाना चाहिए।

First Published : October 22, 2021 | 11:36 PM IST