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इस गति से दिसंबर तक सबको टीका नहीं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:32 AM IST

दिसंबर तक देश के सभी वयस्क लोगों को टीका लगाने का काम पूरा करना काफी मुश्किल लग रहा है। मौजूदा अनुमानों से यह अंदाजा लगता है कि टीकाकरण की रफ्तार दोगुनी करके जनवरी 2022 तक ही सबको टीका लगाने का काम पूरा हो पाएगा। टीकाकरण की मौजूदा गति के हिसाब से 15 महीने का वक्त और लगेगा और सितंबर 2022 तक देश की कुल वयस्क आबादी को टीका लग पाएगा।
आर्थिक मामलों के विभाग की मई 2021 की मासिक आर्थिक समीक्षा के जनसांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार फिलहाल देश में 86.5 करोड़ वयस्क हैं जिन्हें दिसंबर तक का लक्ष्य पूरा करने के लिए टीके लगाने की जरूरत होगी। ऐसे में टीके की दो खुराक के लिहाज से 1.73 अरब टीके की खुराक की जरूरत होगी। लगभग 5 करोड़ लोगों को पहले ही टीके की दो खुराक मिल चुकी है। बाकी 16-17 करोड़ लोगों को टीके की एक खुराक मिली है।
 सरकार को 1.63 अरब टीके की खुराक देने की जरूरत होगी। इसमें कितने दिन लगते हैं यह टीकाकरण की रफ्तार पर निर्भर करेगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से यह अंदाजा मिलता है कि इसमें सरकार के अनुमानों से अधिक समय लग सकता है। इसमें दो खुराक वाले टीके की बात की गई है जिनमें आपूर्ति से जुड़े मुद्दे नहीं होंगे। टीके की खुराक और उनके बीच अंतर से भी आखिरी समयसीमा पर प्रभाव पड़ सकता है।
 टीके की आपूर्ति की स्थिति में सुधार की वजह से अप्रैल से ही टीके की रफ्तार दोगुनी हो गई है और अब भारत में जून की शुरुआत से ही रोजाना 30 लाख से अधिक टीके लगाए जा रहे हैं। इस दर के लिहाज से टीके की बाकी खुराक को लगाने में 453 दिन लगेंगे। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए सभी को टीका लगाने में 227 दिन लगेंगे।
वर्तमान दर से दोगुनी दर पर टीकाकरण जनवरी 2022 तक पूरा हो जाएगा। हालांकि, मौजूदा दर पर वयस्क भारतीयों का टीकाकरण सितंबर 2022 तक पूरा किया जा सकता है। सिटी रिसर्च के एक हाल के विश्लेषण में यह अनुमान लगाया गया कि टीके की आपूर्ति में अगले कुछ महीने में बड़ी तेजी देखने को मिलेगी। भारत नवंबर तक करीब प्रमुख 50 शहरों की वयस्क आबादी को टीके लगाने में सक्षम होगा और फरवरी 2022 तक पूरी आबादी को टीके लगा दिए जाएंगे।
 येस सिक्योरिटीज ने भी कुछ इसी तरह का अनुमान लगाया है जिसके मुताबिक देश में टीके तैयार कर देश की 40 फीसदी वयस्क आबादी को नवंबर तक टीके लग जाएंगे और मार्च 2022 तक भारत के लगभग 80 फीसदी वयस्कों को टीके लग जाएंगे। इन रिपोर्टों में प्रमुख टीका निर्माताओं की मौजूदा टीका उत्पादन योजनाओं को भी ध्यान में रखा गया है और जुलाई के बाद टीकाकरण की आपूर्ति और रफ्तार बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
भारत ने अब तक 26 करोड़ से अधिक टीके की खुराक लगाई है। अनुमान के अनुसार करीब 15 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिली है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि करीब 80 फीसदी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता तैयार करने के लिहाज से लगभग 70 करोड़ आबादी को सितंबर 2021 तक टीका लगाया जाना चाहिए।
सरकार ने अनुमान लगाया है कि सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता तैयार करने के लिए रोजाना करीब 93 लाख टीके लगाए जाने चाहिए। अब तक की रोजाना अधिकतम टीकाकरण दर लगभग 40 लाख है। विशेषज्ञों ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि लक्ष्य के करीब आने के लिए अधिक बदलाव करने और पूरे चौबीस घंटे टीका लगाने की जरूरत होगी।
सिटी रिसर्च के फरवरी 2022 तक के टीके से जुड़े अनुमान के मुताबिक अगले कुछ महीनों में टीके के उत्पादन में बड़ी तेजी आएगी जिससे अक्टूबर-दिसंबर 2022 तक रोजाना टीके लगने की रफ्तार बढ़कर रोजाना 90 लाख से लेकर 1 करोड़ खुराक तक होगी। सरकार ने अगस्त से दिसंबर के बीच 21.6 लाख अरब टीके की खुराक की उपलब्धता का अनुमान लगाया है। हालांकि, क्षेत्र विश्लेषकों को 1.5 अरब खुराक की आपूर्ति का अनुमान है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ  इंडिया (एसआईआई) जुलाई तक 7 करोड़ खुराक प्रतिमाह की मौजूदा क्षमता के मुकाबले 10 करोड़ कोविशील्ड तैयार करेगी जो एस्ट्राजेनेका का टीका है। भारत बायोटेक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी बेंगलूरु, हैदराबाद और अंकलेश्वर में अपनी क्षमता का विस्तार कर दिसंबर तक एक अरब खुराक सालाना क्षमता हासिल करने की राह पर है। यह मोटे तौर पर 3.5 करोड़ प्रतिमाह की मौजूदा अनुमानित क्षमता के मुकाबले 8.3 से 8.5 करोड़ तक की खुराक तैयार की जाएगी।
इसके अलावा इसमें नोवावैक्स टीके तैयार करने की एसआईआई की क्षमता को भी जोड़ें। कोवोवैक्स की प्रतिमाह करीब 5 करोड़ खुराक तैयार करने का लक्ष्य है। हालांकि कंपनी ने अभी तक उत्पादन लक्ष्य को नहीं छुआ है लेकिन अमेरिका के दवा नियामक की मंजूरी के बाद अगस्त-सितंबर तक यह क्षमता थोड़ी बेहतर होने की संभावना है और अक्टूबर तक बाजार में कोवोवैक्स के आने की उम्मीद की जा सकती है। नोवावैक्स ने कहा है कि वह कैलेंडर वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में यूएसएफडीए से मंजूरी मिलने की उम्मीद कर रही है।
केंद्र साल के अंत तक स्पूतनिक वी की 15.6 करोड़ खुराकों के अलावा भारत बायोटेक के नाक के टीके की 10 करोड़ खुराक और जेनोवा एमआरएनए टीके की 6 करोड़ खुराक की उम्मीद कर रहा है जिनमें से दोनों अभी तैयार किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बायोलॉजिकल ई टीके की 30 करोड़ खुराक के ऑर्डर दिए हैं जो अभी क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में हैं। यह कोविशील्ड के 75 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक के 55 करोड़ खुराक पर दांव लगा रही है।
एक वरिष्ठ उद्योग विश्लेषक ने अपने अनुमानों को साझा करते हुए बताया, ‘हम वर्ष की दूसरी छमाही में कोविशील्ड के लगभग 70 करोड़ खुराक और कोवैक्सीन की लगभग 36 करोड़ खुराक तैयार होने का अनुमान लगा रहे हैं क्योंकि इसमें एक लंबी निर्माण प्रक्रिया शामिल होती है।’ वह आगे कहते हैं कि साल की दूसरी छमाही में कोवोवैक्स की करीब 4 करोड़ खुराक और स्पूतनिक वी की 8 करोड़ खुराक की उम्मीद की जा सकती है। जायडस कैडिला टीके की तीन खुराक है और इसलिए विश्लेषकों का मानना है कि इससे शुरुआत में ज्यादा कवरेज से मदद नहीं मिलेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि जहां तक बायोलॉजिकल-ई का सवाल है तब जॉनसन ऐंड जॉनसन और बायोलॉजिक ई के अपने प्रोटीन सबयूनिट टीके को मिलाकर 15 करोड़ खुराक की आपूर्ति संभव है। विश्लेषक ने कहा, ‘कुल मिलाकर, मैं साल की दूसरी छमाही में आसानी से टीके की करीब 1.5 अरब खुराक देखती हूं। इसमें कुछ आयात का हिस्सा भी होगा।’
येस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों को उम्मीद है कि अमेरिकी टीके का 20.25 प्रतिशत निर्यात भारत में होगा क्योंकि यहां एक बड़ी आबादी की तरफ  से मांग देखी जा रही है। टीके की कुल उपलब्धता को देखते हुए हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि करीब 5.6 फीसदी टीके बरबाद होंगे।

First Published : June 18, 2021 | 11:10 PM IST