राजनीति

महिलाएं वोट में आगे प्रतिनिधित्व में पीछे

महिला मतदाता आगे, प्रतिनिधित्व पीछे: 18वीं लोक सभा में महिला सांसदों की संख्या घटी

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- December 26, 2024 | 10:59 PM IST

निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को इसी साल हुए लोक सभा चुनाव से संबंधित रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाएं मतदान में तो आगे रहीं, लेकिन प्रतिनिधित्व में उन्हें उतनी हिस्सेदारी नहीं मिली, जितनी की वे हकदार थीं। वायनाड से उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा की जीत के बाद 18वीं लोक सभा में महिला सदस्यों की संख्या 75 है, जबकि 17वीं लोक सभा में यह आंकड़ा 78 था। खास यह कि आम चुनाव लोक सभा में महिला आरक्षण विधेयक पास होने के कुछ समय बाद ही संपन्न हुए थे, लेकिन 543 में से 152 या 28 प्रतिशत सीटें ऐसी थीं, जहां एक भी महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं थी।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में कहा गया कि वर्ष 2024 के चुनाव में कुल 97.97 करोड़ से अधिक नागरिकों ने खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराया था, जो 2019 के 91.19 करोड़ के आंकड़े की तुलना में 7.43 प्रतिशत अधिक है। इन में 64.64 करोड़ मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। जहां 65.78 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोट डाले, वहीं पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 65.55 रहा।

2019 के चुनाव में 61.4 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले थे। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने दावा किया कि इस तरह का विस्तृत डेटा दुनिया भर के लोकतंत्रों में किसी भी चुनाव निकाय द्वारा साझा नहीं किया जाता। आयोग ने कहा, ‘स्वतः संज्ञान लेकर की गई इस पहल का मकसद जनता का विश्वास बढ़ाना है, जो भारत की चुनाव प्रणाली का आधार है।’ आंकड़े इन आरोपों की पृष्ठभूमि में जारी किए गए हैं कि लोक सभा चुनाव के दौरान मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी की गई थी। ये आंकड़े चार विधानसभा चुनावों – अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम से भी संबंधित हैं।

आयोग ने कहा कि इस बार चुनाव लड़ने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या 800 रही, जबकि 2019 के चुनावों में यह संख्या 726 थी। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 111 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 80 और तमिलनाडु में 77 महिलाएं चुनाव मैदान में थीं। ईवीएम के जरिये 64.21 करोड़ वोट डाले गए, जिनमें 32.93 करोड़ पुरुष और 31.27 महिला मतदाता रहे।

आंकड़ों के अनुसार, तीसरे लिंग के 13,000 से अधिक पंजीकृत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। असम में धुबरी संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 92.3 प्रतिशत मतदान हुआ। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सबसे कम 38.7 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 में 14.4 प्रतिशत था। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कम से कम 11 संसदीय क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत 50 प्रतिशत से कम रहा।

इसने कहा कि इस बार कुल 10.52 लाख मतदान केंद्रों में से 40 मतदान केंद्रों या 0.0038 प्रतिशत केंद्रों पर पुनर्मतदान किया गया, जबकि 2019 में यह संख्या 540 थी। प्रवासी भारतीय मतदाताओं का जिक्र करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस श्रेणी में 1.19 लाख से अधिक लोग पंजीकृत थे, जिनमें 1.06 लाख पुरुष, 12,950 महिलाएं और 13 मतदाता तीसरे लिंग से थे, जबकि 2019 में 99,844 पंजीकृत प्रवासी भारतीय मतदाता थे। प्रवासी भारतीय मतदाता वे हैं जो विदेश में रहते हुए यहां मतदान करने के पात्र हैं। वे पहचान के प्रमाण के रूप में अपना पासपोर्ट दिखाकर मतदान करने आते हैं।

First Published : December 26, 2024 | 10:59 PM IST