राजनीति

अगले सप्ताह थ्यानचिन में SCO शिखर सम्मेलन, मोदी-शी में होगी आपसी मुद्दों पर बात !

सीमा पर तनाव कम करने, दुर्लभ खनिज तत्वों की आपूर्ति जैसे व्यापारिक मसलों समेत प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- August 26, 2025 | 10:43 PM IST

अगले सप्ताह थ्यानचिन में शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक होने की संभावना है। दोनों नेताओं में सीमा पर तनाव कम करने, दुर्लभ खनिज तत्वों की आपूर्ति जैसे व्यापारिक मसलों समेत दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर शुरू करने और आम नागरिकों के स्तर पर अधिक से अधिक संपर्क स्थापित करने जैसे प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।

प्रधानमंत्री गुरुवार शाम को चार दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना होंगे। इसमें वह एक दिन के लिए द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान भी जाएंगे। इसके बाद वह रविवार को दो दिवसीय एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए उत्तरी चीन के थ्यानचिन शहर पहुंचेंगे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि शिखर सम्मेलन के मौके पर अन्य एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें निर्धारित हैं।

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी थ्यानचिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ भी अलग से बातचीत कर सकते हैं। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ उनकी अलग से बैठक होने की संभावना नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे उम्मीद है कि एससीओ शिखर सम्मेलन में सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की जाएगी। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा कि आतंकवाद पर घोषणा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने मंगलवार दोपहर यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘हम अन्य सदस्यों और भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद की कड़ी निंदा को दोहराया जाए।’

अपनी चार दिवसीय विदेश यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री तोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन करेंगे। मंगलवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और जापान ने हाल के वर्षों में भारतीय राज्यों और जापानी प्रान्तों के बीच जुड़ाव मजबूत किया है। इस यात्रा के दौरान भी इस विशेष पहलू पर केंद्रित आपसी जुड़ाव की योजना बनाई गई है।

प्रधानमंत्री मोदी जापान के प्रधानमंत्री को क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित करेंगे, जिसकी मेजबानी नई दिल्ली इस साल के अंत में करने वाली है, मिस्री ने कहा कि क्वाड अब महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, महत्त्वपूर्ण खनिजों, आपूर्ति श्रृंखलाओं को और अधिक लचीला बनाने के तरीके और इन्फ्रा विकास को कवर करता है। भारत और जापान के अलावा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी क्वाड के सदस्य हैं।

मिस्री ने कहा, ‘हम क्वाड के सभी भागीदारों के साथ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। मुझे यकीन है कि जब दोनों प्रधानमंत्री (मोदी और इशिबा) मिलेंगे, तो क्वाड एक ऐसा विषय होगा जिस पर दोनों के बीच चर्चा होगी।’

मोदी की तोक्यो यात्रा के दौरान भारत और जापान अपने रक्षा सहयोग को भी गहरा करने पर विचार करेंगे। टैरिफ को लेकर भारत-अमेरिका के बीच तनाव को देखते हुए इस साल के अंत में नई दिल्ली में क्वाड शिखर सम्मेलन होगा या नहीं, यह अभी तय नहीं हो पाया है। एक संबंधित घटनाक्रम में जापान ने यूरोपीय और एशियाई देशों से 3 सितंबर को चीन में होने वाली सैन्य परेड में भाग नहीं लेने के लिए कहा है, जो पेइचिंग द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध युद्ध की स्मृति में आयोजित की जा रही है। एससीओ शिखर सम्मेलन के 1 सितंबर को थ्यानचिन शहर में समाप्त होने के बाद परेड पेइचिंग में आयोजित की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी 1 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन के समापन के बाद भारत लौटने वाले हैं।

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा कि नयी दिल्ली, शिखर सम्मेलन की घोषणा में आतंकवाद की कड़ी निंदा सुनिश्चित करने के लिए अन्य एससीओ सदस्य देशों और भागीदारों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘एससीओ की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी तीन बुराइयों का मुकाबला करने के प्राथमिक लक्ष्य के साथ की गई थी, जो आज भी एक चुनौती बनी हुई है।’ लाल ने कहा कि क्षेत्र की सुरक्षा एससीओ सदस्यों के लिए प्राथमिकता बनी हुई है और उन्होंने कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने पर एक संयुक्त वक्तव्य का स्मरण किया जिसे 2023 में समूह की भारत की अध्यक्षता के दौरान अपनाया गया था।

उन्होंने कहा, ‘अतीत में जिन वक्तव्यों को अंतिम रूप दिया गया है, उनमें सीमा पार आतंकवाद सहित अन्य तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई है, जिसमें वह संयुक्त वक्तव्य भी शामिल है जिसका मैंने उल्लेख किया है, जिसे शिखर सम्मेलन की हमारी अध्यक्षता के दौरान अंतिम रूप दिया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘जहां तक इस आगामी शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र का संबंध है, तो उसके मसौदे को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। हम अन्य सदस्यों और साझेदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि सीमा पार आतंकवाद सहित अन्य आतंकवाद की फिर से कड़ी निंदा की जाए।’

लाल की यह टिप्पणी इस सवाल के जवाब में आई कि एससीओ आतंकवाद के खतरे से कैसे निपटेगा। पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को समाप्त हुईं। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, मिसरी ने कहा कि मोदी की बैठकों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

(साथ में एजेंसियां)

First Published : August 26, 2025 | 10:40 PM IST