राजनीति

संसद के मानसून सत्र में पक्ष-विपक्ष ठोकेंगे अपनी-अपनी चाल पर ताल

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होनी हैं। 12 अगस्त से 18 अगस्त के बीच कोई बैठक नहीं होगी।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- July 20, 2025 | 10:19 PM IST

सोमवार को शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में काफी काम होने की संभावना है, क्योंकि विपक्ष विदेश नीति और बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण जैसे मुद्दों पर बहस और चर्चा के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। सरकार ने विपक्षी दलों को बता दिया है कि वह ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड के भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता और संघर्ष के दौरान कम से कम पांच जेट विमानों को मार गिराए जाने जैसे दावों पर अपना जवाब देने के लिए तैयार है।

इंडिया गठबंधन की बैठक में छोटे दलों खासकर वामपंथी दलों ने पूर्व में संसद की कार्यवाही को बाधित करने और मुद्दों पर सरकार को घेरने के बजाय वॉकआउट करने की रणनीति से असहमति जताई है। विपक्षी खेमे के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने भी सहयोगियों की इस चिंता पर गौर किया है।  संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होनी हैं। 12 अगस्त से 18 अगस्त के बीच कोई बैठक नहीं होगी। सरकार ने सात लंबित विधेयक चर्चा और पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किए हैं। इनमें आयकर विधेयक भी शामिल है, जिसे लोक सभा की प्रवर समिति सोमवार को पेश करेगी। इसके अलावा सरकार चर्चा और पारित करने के लिए आठ विधेयक और पेश करेगी।

सत्र शुरू होने से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसके बारे में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को बताया कि 100 से अधिक सांसदों ने पहले ही संसद में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने संबंधी एक प्रस्ताव लाने के नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जो लोक सभा में महाभियोग को पेश करने के लिए आवश्यक समर्थन की सीमा को पार कर गया है। सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों ने बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण, पहलगाम आतंकी हमले जैसे मुद्दों को उठाया और ट्रंप के ‘युद्धविराम’ के दावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग की। रिजिजू ने कहा कि सरकार संसद में ऑपरेशन सिंदूर जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं के संदर्भ में बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों में कानून-व्यवस्था की नाकामी पर जवाबदेही से नहीं बच सकता है और संसद को इस पर बहस  करनी चाहिए।

First Published : July 20, 2025 | 10:19 PM IST