राजनीति

आंबेडकर की विरासत पर छिड़ी बहस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर जयंती पर हरियाणा में कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- April 14, 2025 | 10:49 PM IST

पिछले साल लोक सभा चुनाव में संविधान के पॉकेट संस्करण की चर्चा छाने के लगभग एक साल बाद संविधान को लेकर राजनीतिक दलों के बीच फिर बहस छिड़ी। संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की 135वीं वर्षगांठ के अवसर पर उनकी विरासत पर राजनीतिक दल एक दूसरे से होड़ करते दिखे। सभी दलों ने आंबेडकर की जयंती के मौके पर दावा किया कि वे उनके सिद्धांतों को आधार बनाकर सामाजिक समता के लिए काम कर रहे हैं। आंबेडकर को भारतीय संविधान तैयार करने का श्रेय दिया जाता है।

पूरे दिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों में संविधान निर्माता आंबेडकर की विरासत को लेकर होड़ नजर आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आंबेडकर का सपना था कि देश में प्रत्येक गरीब आदमी आत्म सम्मान और सिर उठाकर जिये मगर कांग्रेस ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लोगों का जीवन द्वितीय श्रेणी के नागरिक में तब्दील कर दिया। प्रधानमंत्री ने वक्फ संशोधन विधेयक को सामाजिक न्याय की दिशा में बढ़ाया गया कदम बताया।

दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने आंबेडकर के नाम पर दिखावे के अलावा कुछ नहीं किया है। तेलंगाना सरकार ने आंबेडकर जयंती के अवसर पर उच्चतम न्यायालय का उप-वर्गीकरण लागू करने के संबंध में आदेश जारी किया। सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना देश में इसे लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को अनुबंध पर काम करने वाले कर्मियों (गिग कर्मियों) के लिए 1 मई तक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के मसौदा दिशानिर्देश को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना शुरू करने के लिए राज्य सरकार की तारीफ की।

बेंगलूरु में एक कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि वह आगामी 17 अप्रैल को जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पर अपनी बात कहेंगे। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने सामाजिक-आर्थिक एवं शैक्षणिक सर्वेक्षण या जाति जनगणना पर 11 अप्रैल को मुहर लगा दी। सिद्धरमैया ने कहा, ‘जिन लोगों ने आंबेडकर का विरोध किया और महात्मा गांधी की हत्या की वे उनकी विरासत पर अधिकार जताने की होड़ कर रहे हैं।‘

भाजपा और संघ परिवार भी आंबेडकर की विरासत पर दावा ठोकने से पीछे नहीं रहे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आंबेडकर ने कभी भी अनुच्छेद 370 को स्वीकार नहीं किया जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है और आंबेडकर के सपनों का भारत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आंबेडकर आजीवन हिंदुओं को संगठित करने के लिए काम करते रहे। भागवत ने आरएसएस संस्थापक के बी हेडगेवार और आंबेडकर के बीच समानता का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस के मन में मुस्लिमों के लिए सहानुभूति होती तो उसे किसी मुस्लिम को अपना अध्यक्ष बनाना चाहिए था और 50 प्रतिशत टिकट मुस्लिमों को देना चाहिए था। मोदी ने कहा कि आंबेडकर ने कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं होना चाहिए और संविधान में भी इस रोक है। उन्होंने कहा कि मगर कांग्रेस ने संविधान की परवाह किए बिना निविदाओं में एससी एसटी के अधिकार छीन कर धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया।

मोदी ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास देश में लाखों हेक्टेयर जमीन है जिसका इस्तेमाल गरीबों, बेसहारा महिलाओं और बच्चों के हित में किया जा सकता था। उन्होंने कहा, ‘अगर इसका ईमानदारी से इस्तेमाल किया जाता तो मुस्लिम युवाओं को पंक्चर टायर ठीक करके अपनी जिंदगी नहीं गुजारनी पड़ती।’ मोदी ने कहा, ‘इससे केवल मुट्ठी भर भू-माफियाओं को फायदा हुआ। पसमांदा मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हुआ। ये भू-माफिया दलितों, वंचितों, आदिवासियों और विधवाओं की जमीन लूट रहे थे। सैकड़ों विधवा महिलाओं ने केंद्र को पत्र लिखा और फिर इस कानून पर बहस हुई।’ उन्होंने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन के बाद गरीबों की ऐसी लूट बंद हो जाएगी।

First Published : April 14, 2025 | 10:49 PM IST