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उत्तराखंड ने मांगी 2017 तक छूट

Last Updated- December 06, 2022 | 9:42 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए टैक्स छूट की अवधि को 2017 तक बढ़ाने की मांग की है।


राज्य में उद्योगों के लिए कर छूट की सीमा 31 मार्च 2010 को खत्म हो रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने 2003 में लागू की गई टैक्स छूट योजना को तीन साल बढ़ाने की भी मांग की थी।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने राज्य के लिए रियायत पैकज की मांग की। उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों की तर्ज पर ही यहां रियायत पैके ज दिए जाने की मांग की है। राज्य अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस मामले पर विचार करने के लिए सहमत हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि औद्योगिक पैकेज की अवधि बढ़ाने की दिशा में खंडूड़ी पिछले एक साल से पृष्ठभूमि तैयार करने में जुटे हैं।


उच्च स्तरीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा टैक्स छूट की मांग को तब तक उठाया जाता रहेगा जब तक की इसे मंजूरी नहीं मिल जाती। अधिकारी ने बताया, ‘अगर टैक्स छूट की अवधि को अगले सात वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाता तो यह उत्तराखंड के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।’


खंडूड़ी ने बताया कि इस मुद्दे पर वे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से बातचीत करेंगे और इस दिशा में वे संयुक्त अभियान भी चलाएंगे। लेकिन फिलहाल इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2003 में विशेष टैक्स छूट योजना को लागू किए जाने से उत्तराखंड में इंडस्ट्रीयल बूम आया था।


यह भी विदित है कि टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए देश की अधिकांश बड़ी कंपनियों ने राज्या में नई इकाइयों की स्थापना की है। इन कंपनियों में टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, नेस्ले, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ब्रिटेनिया और एलजी शामिल हैं। हालांकि यदि कर छूट की सीमा आगे नहीं बढ़ी तो उद्योग राज्य से कारोबार समेट भी सकते हैं।

First Published - May 6, 2008 | 10:11 PM IST

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