मध्य प्रदेश सरकार ने देवास से ग्वालियर तक 433 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग-3 के विकास के लिए एक विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) बनाने का फैसला किया है।
राज्य सरकार की संस्था मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम इस कंपनी की स्थापना करेगी। सरकार का इरादा चार लेन वाले एनएच-3 को ‘विकास के गलियारे’ के तौर पर विकसित करने का है। राज्य कैबिनेट की कल शाम हुई बैठक के दौरान इस आशय का फैसला किया गया।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ‘इस कंपनी में निविदा प्रक्रिया के जरिए 74 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी क्षेत्र की कंपनी को दी जाएगी जबकि मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के पास शेयर पूंजी होगी जिसे वह परियोजना की प्रीमियम राशि के तौर पर कंपनी में बेचेगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1500 से 2,000 करोड़ रुपये के बीच है।’
शेयर पूंजी को तकनीकी और वित्तीय बोलीदाताओं को बेचा जाएगा। निगम के पास विशेष उद्देश्यीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और वह 30 वर्ष की कंसेशन अवधि के दौरान निजी कंपनी के साथ साझेदार के तौर पर काम करेगी।
सूत्रों ने बताया है कि निजी कंपनी द्वारा निवेश की राशि हालांकि परियोजना से मिलने वाले मुनाफे पर निर्भर करेगी लेकिन यह 51 प्रतिशत से लेकर 71 प्रतिशत के बीच हो सकती है। जमीन अधिग्रहण की राशि का भुगतान भी एसपीवी ही करेगी, इसलिए मध्य प्रदेश सरकार को कोई भी निवेश नहीं करना पड़ेगा।
निगम भारत सरकार की इकाई के तौर पर काम करेगा। इस बारे में एक औपचारिक प्रस्ताव जल्द ही भूतल परिवहन मंत्रालय को भेजा जाएगा। मंत्रालय ने पहले ही परियोजना को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है। राजमार्ग को चार लेन बनाने से देवास औद्योगिक क्षेत्र का आगरा और दिल्ली से बेहतर संपर्क स्थापित हो सकेगा।
सुहाना सफर
देवास से ग्वालियर तक एनएच-3 के विकास के लिए विशेष उद्देशीय कंपनी बनाने का फैसला
परियोजना की लागत 1500 से 2000 करोड़ रुपये तक
ठेका 30 वर्षो के लिए बीओटी आधार पर