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वूल फेल्ट में संगीत की झनकार

Last Updated- December 10, 2022 | 7:36 PM IST

रहमान के ऑस्कर जीतने से बॉलीवुड तो खुश है कि इस सफलता के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके लिए और संभावनाएं होंगी।
लेकिन जाने-अनजाने यह जीत मध्य प्रदेश के ड्रम बीटर पैड और पियानो के वूल-फेल्ट बनाने वाले उद्योग के लिए भी कारोबार की संभावनाएं लेकर आई है।
आर्थिक मंदी के कारण इस उद्योग की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। निमच स्थित सीलवेल ड्रम बीटर पैड और पियानो फे ल्ट बनाने वाली देश की शायद इकलौती कंपनी है।
बाजार की मांग में 30 फीसदी गिरावट आने के बावजूद कंपनी इस साल 8-10 करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद कर रही है।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी अभिमन्यु चोरडिया ने बताया, ‘हम प्रतिष्ठित वेंडरों को आपूर्ति करते हैं, जोकि जापान की यामहा जैसी बड़ी कंपनियों को उत्पादों की आपूर्ति करते हैं। हालांकि इस उद्योग पर तो मंदी की मार पड़ रही है लेकिन फिर भी हमारी कंपनी को वेंडरों से ऑर्डर मिल रहे हैं।’
वैसे तो ड्रम बीटर पैड्स और पियानो फेल्ट बाकी वूल फेल्ट उत्पादों के बजाय काफी कम ही बनाए जाते हैं। लेकिन ब्रिटेन की हार्डी ऐंड हेनसंस से कंपनी को ब्रिटेन के स्कूलों के लिए लगभग 5 लाख डस्टर बनाने के ऑर्डर मिले हैं। इससे कंपनी काफी उत्साहित है।
उन्होंने बताया, ‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने ब्रिटिश शिक्षा के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की है। इससे हमें भी प्रेस्ड वूल से डस्टर और एल्फाबेट्स बनाने का ऑर्डर मिला है।’ भारतीय वूल फेल्ट कारोबार राजस्थान में बढ़ा है। लेकिन निमच की सीलवेल और उसकी इकाई फिल्टर्को साल 1968 से इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी बनी हुई हैं।
वूल फेल्ट्स का इस्तेमाल ऑटो उद्योग और सीलिंग के लिए किया जाता है। ऑल इंडिया नमदा ऐंड वूल फेल्ट एसोसिएशन के चेयरमैन देवदत्त शर्मा ने बताया, ‘हमें कच्चे माल के आयात-निर्यात के लिए फॉर्म 48, 49 और 47 जैसे कई फॉर्म भरने होते हैं। हमने सभी राज्य सरकारों से फॉर्म भरने की इस प्रक्रिया को आसान करने का आग्रह किया है।’

First Published - March 12, 2009 | 1:06 PM IST

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