कानपुर स्थित देश की एकमात्र शीत प्रशीतक जूट मिल अगले महीने से 90 टन की अपनी पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करना शुरू कर देगी।
मिल सूत्रों के मुताबिक मिल की मशीनों की ओवरहॉलिंग और मरम्मत का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसलिए शुरुआती तौर पर जूट उत्पादन का काम आगामी 9 तारीख से शुरू हो जाएगा।
मिल प्रंबधन ने कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी(केस्को) का 1 करोड़ रुपये का बकाया भी निबटा दिया है। मिल के प्रंबध निदेशक मोहन अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि केस्को ने मिल में अनवरत बिजली आपूर्ति के लिए नए ट्रांसफार्मर और फीडर लगवाने की बात कही है।
गौरतलब है कि कोलकाता स्थित देश के सबसे बड़े समूहों में से एक शारदा समूह ने कानपुर की जेके जूट मिल को खरीद लिया है। अग्रवाल ने यह भी बताया कि जूट के प्रसंस्करण के लिए कानपुर में आर्द्रता का अनुपात कोलकाता से ज्यादा अच्छा है।
मिल के अध्यक्ष आर के सत्ती ने बताया कि कलकत्ता में उत्पादित किये जाने वाले कई उत्पादों का बाजार कानपुर में भी है। अब इस बाजार में कोलकाता से उत्पादों को मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोलकाता की अपेक्षा दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे जूट के अन्य बड़े बाजार कानपुर के ज्यादा निकट है। इसका फायदा भी कानपुर स्थित जूट मिल को सीधे तौर पर मिलेगा।
मिल की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए कई बैंक और वित्तीय संस्थान भी लगभग 100 करोड़ रुपये का कर्ज देने को तैयार है। मिल के पास 1989 में खरीदा गया स्वीडन निर्मित कंप्यूटरीकृत लूम भी है, जो उस समय 12 लाख रुपये में खरीद गया था। वर्तमान में इस लूम की बाजारी कीमत 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है।