प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तराखंड के लिए 18,000 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की थी और इस रकम का इस्तेमाल कहां किया गया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
दरअसल इसी बात को मुद्दा बनाकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बैकफु ट पर धकेलने की योजना बना रही हैं। इंदिरा ने मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी से इस रकम के इस्तेमाल का ब्योरा मांगा है।
उन्होंने बताया कि विशिष्ट राज्य का दर्जा प्राप्त करने वाले उत्तराखंड को यह रकम विकास कार्यों के लिए दी गई थी। हालांकि भाजपा ने इंदिरा के इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि राज्य को कभी भी केंद्र से 18,000 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक सहायता नहीं मिली है।
भाजपा के राज्य प्रवक्ता रमेश पोखरियाल निशांक ने कहा, ‘पहाड़ी राज्य के लोग प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं कि उन्होंने राज्य को कब यह रकम दी और अब यह कहां है?’ निशांक ने बताया कि इस बारे में उन्होंने मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय से भी बातचीत की है और उन्होंने भी इस पैकेज के बारे में अनभिज्ञता जताई है।
भाजपा प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए संप्रग सरकार पर राज्य को दिए गए विशेष पैकेज की अवधि को 3 साल कम करने का दोषी ठहराया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का पद भी संभाल रहे निशांक ने कहा, ‘राजग सरकार ने राज्य को 10 साल के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज दिया था। लेकिन संप्रग सरकार ने इसे घटाकर 7 साल कर दिया है।’
भाजपा के सुर में सुर मिलाते हुए उसके सहयोगी दल उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने भी इस बारे में प्रधानमंत्री से सफाई देने की मांग की है। यूकेडी के वरिष्ठ नेता और राज्य राजस्व मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा, ‘जहां तक मुझे जानकारी है तो राज्य को केंद्र सरकार की ओर से ऐसी कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है।’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री से राज्य के वित्तीय हालात का पूरा ब्योरा मांगा है। आर्य ने कहा, ‘यह सिर्फ 18,000 करोड़ रुपये क ी बात नहीं है। बल्कि राज्य के पास मौजूद वित्त का सही इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।’
आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस ने लगाया आरोप -कहां गए केंद्र द्वारा दिए गए 18 हजार करोड़ रुपये
राज्य सरकार ने कहा- नहीं दी कभी इतनी रकम
इस मामले पर भाजपा ने मांगी प्रधानमंत्री से सफाई