हिमाचल प्रदेश की धूमल सरकार ने दूरदृष्टि अपनाते हुए लोकसभा चुनावों की तैयारी के साथ ही 2012 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए होमवर्क करना भी शुरु कर दिया है।
राज्य में हो रहे औद्योगिक विकास को वोट के तौर पर कैश कराने के लिए धूमल सरकार ने राज्य में सड़क विकास के नाम पर लगभग 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने की योजनाएं बनाई हैं।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इन सड़क योजनाओं से राज्य सरकार ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं। सरकार ने जहां ज्यादातर योजनाओं की घोषणा लोकसभा चुनावों की डुगडुगी बजने के साथ की है, वहीं इन योजनाओं के पूरे होने का समय 2012 तय किया गया है ताकि विधानसभा चुनावों के पहले विकास के नाम पर वोट मांगे जा सकें।
इन योजनाओं में 1,365 करोड़ रुपये के निवेश वाली हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क योजना, 2000 करोड़ रुपये के निवेश वाली कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग 22 व पिंजौर-बद्दी-बरोटीवाला राजमार्ग को चार लेन करने की योजना और मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना प्रमुख है।
राज्य सरकार ने सात नए उच्च मार्गो की निर्माण योजनाएं भी बना रखी है। इनमें से दो का तो प्रस्ताव भी तैयार हो गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार सड़कों के विकास के लिए हमनें विजन-2020 बनाया है। इसके तहत राज्य के सभी गांवों को 2020 के अंत तक सड़क संपर्क से जोड़ दिया जाएगा।
राज्य के लोकनिर्माण मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह बताते है कि हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक विकास में तेजी आ रही है। ऐसे में परिवहन के लिए सड़कों का विकास होना बहुत जरुरी हो गया है।
राज्य के लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव मोहन चौहान ने बताया, ‘राज्य में सड़कों के विकास के लिए हमारी नीतियां बहुत ही स्पष्ट और गंभीर है। हाईवे निर्माण से जुड़ी योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार हो रही है। डीपीआर तैयार होते ही इन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।’