facebookmetapixel
हाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपीJK Tyre का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में निर्यात हिस्सेदारी को 20% तक पहुंचाने का, यूरोपीय बाजारों पर फोकस

कैस की समीक्षा करेगी दिल्ली सरकार

Last Updated- December 10, 2022 | 5:27 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी के कुछ क्षेत्रों में कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (कैस) के लागू होने के 14 महीने बाद अन्य क्षेत्रों तक इसे विस्तारित करने से पहले दिल्ली सरकार ने इसके प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए विस्तृत अध्ययन करने का फैसला किया है।


उत्पाद कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की सलाह पर कैस उपभोक्ताओं से इसके प्रदर्शन के बारे में जवाब मांगने के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई है। इसे जल्द ही कैस इस्तेमाल करने वालों को सौंप दिया जाएगा, ताकि इसके बारे में उनकी राय जानी जा सके।


दिल्ली उत्पाद कर विभाग को ग्राहकों और नौ अधिकृत बहु उद्देश्ईस आपरेटरों के बीच समन्वय के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। अधिकारी ने कहा कि उपभोक्तओं से मिले जवाब के आधार पर ही यह फैसला लिया जाएगा कि कैस को पूरे दिल्ली शहर में विस्तारित किया जाए या नहीं।


कैस इस समय दक्षिणी दिल्ली, मध्य और दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के भागों में मौजूद है। कैस के जरिए उपभोक्ता चैनलों की आवक को नियंत्रित कर  सकते हैं और अपने मनपसंद चैनलों के लिए ही भुगतान करते हैं। दिल्ली में हाई कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर 2006 को कैस लागू किया गया था।


अधिकारी ने एक निजी संस्था कंज्यूमर वॉयस द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बारे में बताने से मन कर दिया। इस संस्था ने दावा किया था कि 70 प्रतिशत उपभोक्ता कैस के जगह पहले वाली व्यवस्था में जाना अधिक पसंद करते हैं। अधिकारी ने कहा कि यह एक निजी सर्वेक्षण है और इसकी कोई मान्यता नहीं है।

First Published - April 8, 2008 | 10:42 PM IST

संबंधित पोस्ट