पिछले दो महीनों में भारतीय शेयर बाज़ार में डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया है। बीएसई और एनएसई में लिस्टेड डिफेंस कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। अप्रैल की शुरुआत से लेकर मई के अंत तक इन स्टॉक्स में निवेशकों को शानदार रिटर्न मिला। इस तेजी को और मजबूती मिली जब मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता सामने आई, जिसने निवेशकों के भरोसे को और बढ़ाया।
एनएसई का ‘निफ्टी डिफेंस इंडेक्स’ 7 अप्रैल को जहां 5,645 पर था, वहीं अब यह 8,970 तक पहुंच चुका है। यानी करीब 59 फीसदी की तेजी। तुलना करें तो इसी अवधि में निफ्टी 50 इंडेक्स में सिर्फ 14 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। यह साफ संकेत है कि डिफेंस स्टॉक्स ने बाज़ार के बाकी हिस्सों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है।
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निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में शामिल 18 कंपनियों में से 9 शेयरों ने 70 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखाई है। इनमें सबसे आगे रहा गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), जिसका शेयर 138 फीसदी उछला। इसके बाद डेटा पैटर्न्स इंडिया का नाम आता है, जिसने 114 फीसदी की छलांग लगाई।
इसके अलावा जिन कंपनियों में 70 से 98 फीसदी तक की मजबूती देखने को मिली, उनमें पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज़, एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स, मिश्रा धातु निगम (मिधानि), बीईएमएल, भारत डायनेमिक्स, कोचीन शिपयार्ड और सोलर इंडस्ट्रीज़ इंडिया शामिल हैं। ये सभी कंपनियां डिफेंस और एयरोस्पेस निर्माण में अग्रणी हैं।
तेजी के इस दौर के बाद अब एक्सपर्ट्स मानते हैं कि थोड़ी मुनाफावसूली करना सही रहेगा। वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज़ के इक्विटी स्ट्रैटेजी डायरेक्टर क्रांति बाथिनी का कहना है कि डिफेंस सेक्टर के कई शेयर इस समय अपने उचित मूल्य के आसपास पहुंच चुके हैं। ऐसे में मिड-टर्म या शॉर्ट टर्म निवेशकों को कुछ प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। उन्होंने यह भी आगाह किया कि अगर करेक्शन आता है, तो इनमें 15 से 20 फीसदी तक की गिरावट संभव है।
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हालांकि छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में डिफेंस सेक्टर की स्थिति मजबूत बनी हुई है। भारत सरकार ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा निर्माण को बढ़ावा दे रही है, और साथ ही निर्यात पर भी ज़ोर दे रही है। इससे इन कंपनियों की ऑर्डर बुक और आय में अच्छी संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। क्रांति बाथिनी के अनुसार, कंपनियों की आय और ऑर्डर फ्लो को देखते हुए इनका भविष्य उज्ज्वल है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सरकार डिफेंस सेक्टर के लिए अतिरिक्त ₹50,000 करोड़ का आवंटन कर सकती है, जो एक सप्लीमेंट्री बजट के ज़रिए दिया जाएगा। इससे इन कंपनियों को और ऑर्डर मिल सकते हैं, जो भविष्य में शेयरों को और ऊपर ले जाने में मदद करेंगे। बता दें कि फरवरी में पेश हुए बजट 2025-26 में पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिफेंस सेक्टर के लिए रिकॉर्ड ₹6.81 लाख करोड़ का बजट तय किया था, जो पिछले साल की तुलना में 9.2 फीसदी अधिक है।