कम आय वर्ग के लोगों जैसे मजदूरों
, हम्मालों, पान या छोटी–मोटी दुकान चलाने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से राज्य सरकार अप्रैल माह से एक पेंशन योजन लागू करेगी।
पचास हजार रुपये सालाना आमदनी वाले लोग उम्र ढ़लने के साथ काम करने में मुश्किल महसूस करते हैं और देश में ऐसे लोगों के लिए सरकार के पास अभी तक कोई सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं थी। मध्य प्रदेश में सभवत: पहला राज्य होगा जो इस तरह की योजना लागू करेगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जिसकी आमदनी पचास हजार रुपये सलाना या उससे कम हो वह पेंशन योजना का लाभ ले सकता है।
बिजनेस स्टेंडर्ड से बातचीत में प्रदेश के वित्तमंत्री राघव जी ने कहा कि ‘इस योजना में ऐसे व्यक्तियों को भी शमिल किया गया है जिनके पास पांच एकड़ या उससे कम जमीन हो। इस योजना से लगभग एक करोड़ लोगों को फायदा होगा।‘ कुशाभाऊ ठाकरे अंशदायी पेंशन योजना नाम से लागू होने वाली इस योजना की घोषणा राघव जी ने इस योजना की घोषणा अपने बजट भाषण में की थी।
योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्ति बैंक में अपना खाता खोलेगा और उनमें हिस्सा जमा करेगा। राज्य सरकार उतना ही हिस्सा अपनी तरफ से खाते में मिलायेगी। लेकिन राज्य सरकार अधिकतम
1,000 रुपये तक ही जमा करेगी। इस योजना में कम से कम 18 वर्ष से लेकर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक के लोग शामिल हो सकते हैं। पेंशन की सुविधा 65 वर्ष की उम्र से मिलेगी।
राघव जी ने आगे कहा कि आर्थिक विकास दर बढ़ाने के लिए अल्प बचत योजनाओं में निवेश आवश्यक है साथ ही उम्र ढ़लने के साथ अशक्त होते कम आमदनी के व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाल योजनाओं को लागू करने की दिशा में अभी तक कोई खास पहल नहीं की गई थी। इस योजना से राज्य सरकार पर करीब
20 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आयेगा।
राज्य सरकार एक और पेंशन योजना लागू करेगी। यह योजना उनके लिए होगी जो राज्य में
1977 में लागू आंतरिक सुरक्षा अनुरक्षण‘ कानून के तहत राजनैतिक बंदी रहे है। इस योजना के तहत आपात कालीन के दौरान राजनैतिक बंदियों की विधवाओं को भी राज्य सरकार अधिकतम 3,000 रुपये पेंशन देगी।राघव जी ने आगे कहा कि मीसा बंदियों को कम से कम 3,000 रुपये और अधिकतम 6,000 रुपये पेंशन मिलेगी। इस योजना से भी राज्य पर लगभग 20 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आयेगा।