निवेश सलाहकार म्युचुअल फंड (एमएफ) टैक्स सेवर श्रेणी में अपनी पसंद को लेकर विभाजित हैं। जहां कुछ सलाहकार मान रहे हैं कि नई पेश पैसिव इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि ये गिरावट के जोखिम से अलग हैं, वहीं अन्य विश्लेषक ऐक्टिव ईएलएसएस को ही लगातार पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इनमें तीन साल की लॉक-इनप अवधि होने से फंड प्रबंधकों को अच्छा प्रतिफल देने के लिए पर्याप्त मौका मिल जाता है। सलाहकार फंड प्रबंधक जोखिम नहीं होने, कम लागत, निवेश रणनीति में निरंतरता और पारदर्शिता की वजह से पैसिव विकल्प को पसंद कर रहे हैं।
लैडर7 वेल्थ प्लानर्स के मुख्य वित्तीय योजनाकार सुरेश सदगोपन ने कहा, ‘ऐक्टिव योजनाओं के संदर्भ में आप यह नहीं जान पाते कि आपको उसमें क्या मिलेगा। मौजूदा समय में, फंड पूरी तरह लार्जकैप हा सकते हैं, लेकिन बाद में लार्ज और मिडकैप फंड में तब्दील हो सकते हैं। पैसिव के संदर्भ में, अब ज्यादा स्पष्टता है। लार्जकैप इंडेक्स फंड हमेशा लार्जकैप फंड बना रहेगा।’
प्लान अहेड वेल्थ एडवायजर्स के मुख्य कार्याधिकारी विशाल धवन ने कहा, ‘एसपीआईवीए रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि सक्रिय तौर पर प्रबंधित ईएलएसएस योजनाएं लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं करती हैं। पैसिव बेहतर विकल्प हो सकती हैं, क्योंकि लोग कर बचत के लिए ईएलएसएस में निवेश करते हैं और वे सूचकांक प्रतिफल से खुश रहना चाहते हैं।’
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2022 की पहली छमाही में ऐक्टिव फंडों के प्रदर्शन पर आधारित एसऐंडपी इंडेक्सेज वर्सेज ऐक्टिव (एसपीआईवीए) रिपोर्ट के अनुसार, करीब 88 प्रतिशत ऐक्टिव ईएलएसएस फंड जून 2022 में समाप्त पांच साल की अवधि में अपने बेंचमार्कों को मात देने में विफल रहे हैं। हालांकि कुछ सलाहकार मानते हैं कि ऐक्टिव विकल्प को पिछले कुछ वर्षों के प्रदर्शन को देखते हुए नहीं छोड़ दिया जाना चाहिए। उनका मानना है कि ईएलएसएस ढांचा फंड प्रबंधकों को अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना प्रदान करता है।
कोटक इन्वेस्टमेंट एडवायजर्स में मुख्य कार्याधिकारी (इन्वेस्टमेंट एडवायजरी) लक्ष्मी अय्यर का कहना है कि ईएलएसएस जैसी श्रेणी में, ऐक्टिव बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें तीन साल की लॉक-इन अवधि की वजह से फंड प्रबंधक के लिए मूल्य वृद्धि की स्पष्ट संभावना रहती है।