CIBIL स्कोर उधारकर्ता या निवेशक की साख का एक numeric representation है। यह व्यक्ति के क्रेडिट हिस्टरी और रेपीमेंट के बिहेवियर व्यवहार पर आधारित है।
कितना होना चाहिए CIBIL score
CIBIL स्कोर आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है और ज्यादा स्कोर बेटर साख यानी क्रेडिट स्टेटस को दर्शाता है। लगभग सभी बैंक किसी व्यक्ति को पैसा उधार देने में जोखिम का वैल्यूएशन करने के लिए इस स्कोर को एक मानदंड के रूप में आधार बनता है।
क्या जरूरी है CIBIL score
क्रेडिट लिमिट : एक अच्छा सिबिल स्कोर आमतौर पर क्रेडिट कार्ड, ओवरड्राफ्ट सीमा और क्रेडिट की अन्य लाइनों पर हाई क्रेडिट सीमा का लाभ देता है। बैंक और अन्य फाइनेंशियल कंपनियां उन व्यक्तियों को हाई क्रेडिट लिमिट की पेशकश करने की अधिक संभावना रखते हैं जिनके पास कर्ज चुकाने का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होता है।
जल्द अप्रूवल : जिन उधारकर्ताओं का स्कोर अच्छा होता है, उनकी कर्ज के एप्लिकेशन के लिए आमतौर पर मंजूरी अन्यों के मुकाबले जल्दी मिलती है।
अप्रूवल ऑफ़ लोन : एक अच्छा सिबिल स्कोर लोन मंजूर होने की संभावना को बढ़ा देता है। बैंक हाई स्कोर वाले व्यक्तियों को लोन देना पसंद करते हैं क्योंकि इनके डिफ़ॉल्ट होने का खतरा कम होता है।
इंटरेस्ट रेट : आमतौर पर बैंक उन उधारकर्ताओं को बेटर ब्याज दरों पर लोन प्रदान करते हैं जिनका सिबिल स्कोर अधिक होता है। इसलिए, हाई स्कोर वाला कोई व्यक्ति आसानी से लोन और क्रेडिट कार्ड पर बेहतर इंटरेस्ट रेट हासिल कर सकता है।
अच्छे CIBIL स्कोर के और क्या फायदे ?
अच्छा स्कोर होने से लोन और क्रेडिट पर ज्यादा सहूलियत वाले नियम और शर्तें भी मिल सकती हैं। इसमें कम प्रोसेसिंग फीस, एनुअल फीस में छूट और कर्ज वापस चुकाने के लिए आसान ऑप्शंस जैसेलाभ शामिल हो सकते हैं।