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New India Co-Operative Bank में जमा पैसे को लेकर टेंशन! ग्राहकों को मिलेगा कितना क्लेम? जानिए क्या कहता है RBI का नियम

RBI के नए निर्देश के मुताबिक, अब बैंक के ग्राहक अपनी जमा राशि नहीं निकाल सकेंगे। हालांकि, वेतन, किराया और बिजली के बिल जैसे जरूरी खर्चों के लिए बैंक से भुगतान किया जा सकता है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 17, 2025 | 7:37 AM IST

New India Co-Operative Bank में 122 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा एक्शन लिया है। RBI ने बैंक पर लेन-देन (जमा और निकासी) पर रोक लगा दी है और बोर्ड को 12 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है। इस घोटाले के आरोपी जनरल मैनेजर हितेश मेहता को हिरासत में ले लिया गया है।

इस फैसले से बैंक के खाताधारकों में हड़कंप मच गया है। कई ग्राहकों ने अपनी पूरी जमा पूंजी इसी बैंक में रखी थी, जिससे अब उनकी EMI, स्कूल फीस और जरूरी खर्चे अटक सकते हैं। वहीं, बैंक का कस्टमर सपोर्ट सिस्टम और मोबाइल ऐप भी काम नहीं कर रहे हैं, जिससे खाताधारकों को अपने अकाउंट की स्थिति जानने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर बैंक बंद हो जाता है तो ग्राहकों को कितना पैसा मिलेगा?

आरबीआई के नए निर्देश के मुताबिक, अब बैंक के ग्राहक अपनी जमा राशि नहीं निकाल सकेंगे। हालांकि, वेतन, किराया और बिजली के बिल जैसे जरूरी खर्चों के लिए बैंक से भुगतान किया जा सकता है। ये नियम 13 फरवरी 2025 से लागू हो चुके हैं और अगले छह महीने तक प्रभावी रहेंगे।

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SBI के पूर्व अधिकारी को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का कामकाज संभालने की जिम्मेदारी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत को फिलहाल न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का दैनिक कामकाज देखने की जिम्मेदारी दी गई है। आरबीआई बैंक के पुनर्गठन और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए आगे की रणनीति बना रहा है।

बैंक के जमाकर्ताओं को फिलहाल धैर्य रखने की सलाह दी गई है। आरबीआई की जांच पूरी होने के बाद ही यह तय होगा कि ग्राहक अपनी पूरी जमा राशि निकाल पाएंगे या नहीं। जिन ग्राहकों की 5 लाख रुपये से कम की जमा राशि बैंक में है, उन्हें डीआईसीजीसी बीमा क्लेम के तहत पैसा मिलने की संभावना है।

21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में बैंक के जनरल मैनेजर 

122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में कांडिवली के प्राइवेट बिल्डर धर्मेश पौन को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक, बैंक के जनरल मैनेजर और अकाउंट हेड हितेश मेहता, जो शनिवार को गिरफ्तार हुए थे, ने पौन को निवेश के लिए 70 करोड़ रुपये दिए थे।

रविवार को पौन और मेहता को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को 21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

क्या कहता है RBI का नियम?

RBI के नियमों के मुताबिक, अगर कोई बैंक डूब जाता है तो DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) की गारंटी के तहत खाताधारकों को अधिकतम 5 लाख रुपए तक की रकम मिल सकती है। यानी अगर किसी ग्राहक के बैंक खाते में 5 लाख रुपए या उससे कम जमा हैं, तो पूरी राशि वापस मिलेगी। लेकिन अगर किसी का बैलेंस इससे ज्यादा है, तो उसे सिर्फ 5 लाख रुपए ही वापस मिलेंगे।

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2436 करोड़ रुपए की जमा राशि, लेकिन निकासी पर रोक

मार्च 2024 के अंत तक बैंक के पास कुल 2436 करोड़ रुपए की जमा राशि थी। लेकिन जब तक आरबीआई की ऑडिट प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक ग्राहकों को अपनी पूरी रकम निकालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

 

First Published : February 17, 2025 | 7:37 AM IST