सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में जमा राशि में लगातार इजाफा हो रहा है। इस साल सुकन्या समृद्धि योजना ने सभी लघु बचत योजनाओं में सबसे अधिक 41 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार, इस योजना में बकाया जमा राशि वर्ष 2023 के फरवरी में 77,472 करोड़ रुपये थी, जो फरवरी 2024 में बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई।
सुकन्या समृद्धि योजना सरकार द्वारा समर्थित एक निश्चित आय योजना है। मनीएडुस्कूल के संस्थापक अर्णव पांड्या कहते हैं, ‘यह योजना ऐसे लोगों के लिए तैयार की गई है, जो अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए पहले से पैसे का इंतजाम करके रखना चाहते हैं।’
इस योजना के तहत जमा राशि पर प्रति वर्ष 8.2 फीसदी का ब्याज मिलता है। खास बात यह है कि यह एक ईईई (छूट-छूट-छूट) योजना है। यानी इस योजना में जमा धनराशि कर-कटौती योग्य (धारा 80 सी के तहत) होती है। यही नहीं, इससे मिलने वाला ब्याज और बाद में परिपक्वता आय भी कर से मुक्त होती है।
इस योजना के तहत 10 वर्ष से कम उम्र की बेटी के लिए खाता खोला जा सकता है और यह योजना जिस वित्त वर्ष में खाता खोला गया, उसके 21 वर्ष पूरे होने पर परिपक्व हो जाती है। इसमें कोई मां-बाप सिर्फ अपनी दो बेटियों का ही खाता खोला जा सकते हैं। तीसरी बेटी का खाता उसी स्थिति में खोला जा सकता है जब दूसरी और तीसरी बेटी जुड़वा हों। प्रत्येक वित्त वर्ष में एक बेटी के नाम से अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही उसके खाते में जमा किए जा सकते हैं।
तमाम लघु बचत योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना सबसे अधिक ब्याज देने वाली योजना है। खास यह कि इस पर मिलने वाला ब्याज भी कर मुक्त होता है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर भी 8.2 फीसदी ब्याज मिलता है, लेकिन यह कर मुक्त नहीं होता।
मौजूदा समय में सुकन्या समृद्धि योजना पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) से 1.1 फीसदी (110 आधार प्वाइंट) अधिक ब्याज देता है। पीपीएफ में इन दिनों 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है। इस योजना की एक विशेषता यह भी है कि यह बाजार के जोखिम से परे है।
अरविंद राव ऐंड एसोसिएट्स के संस्थापक अरविंद ए. राव कहते हैं, ‘चूंकि यह सरकार समर्थित योजना है, इसलिए यहां निवेश में किसी तरह का जोखिम नहीं है।’ इसमें जमा धन को लेकर आप संतुष्ट हो सकते हैं कि इसे आपने बेटी की शिक्षा और शादी के लिए रख छोड़ा है। राव कहते हैं, ‘यह ऐसे निवेशकों के लिए बहुत ही आदर्श योजना कही जा सकती है, जो दीर्घावधि लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निवेश करना चाहते हैं।’
यदि बेटी 18 वर्ष की हो गई है और उसकी शादी करनी है तो इसमें जमा रकम निकाली जा सकती है। लड़की के 10वीं पास करने अथवा 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर भी सुकन्या योजना के खाते से आंशिक निकासी की जा सकती है। हालांकि यह आंशिक रूप से निकाली जाने वाली रकम पिछले वित्त वर्ष के अंत तक जमा धनराशि का 50 फीसदी तक ही हो सकती है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से पंजीकृत निवेश सलाहकार दीपेश राघव कहते हैं, ‘यदि 12वीं कक्षा या स्नातक शिक्षा के लिए अधिक धन की जरूरत पड़ती है, तो यह सीमा अड़चन हो सकती है।’ राव भी कहते हैं कि जो लोग लंबे समय तक धन जमा नहीं रखना चाहते, उनके लिए सुकन्या समृद्धि योजना आकर्षक विकल्प नहीं लगती है।
सुकन्या समृद्धि योजना का 8.2 फीसदी ब्याज काफी आकर्षक होता है, लेकिन इक्विटी भी दीर्घावधि में उच्च रिटर्न दे सकता है। राव कहते हैं, ‘ऐतिहासिक रूप से आंकड़े बताते हैं कि दो दशक या इससे अधिक अवधि के निवेश पर इक्विटी बाजार दोहरे अंक का उच्च रिटर्न दे सकते हैं।’
पीपीएफ पांच-पांच साल की अवधि में बार-बार अनिश्चित काल तक विस्तार की सुविधा देता है, इसके उलट सुकन्या समृद्धि योजना 21 वर्ष की अवधि पूरी होने पर बंद हो जाती है।
राघव कहते हैं, ‘निवेश विस्तार की यही सुविधा पीपीएफ को आकर्षक विकल्प बनाती है।’ सुकन्या में 21 वर्ष की परिपक्वता अवधि में 15 वर्ष तक रकम जमा कर सकते हैं। पांड्या कहते हैं, ‘इसमें वार्षिक निवेश 1.5 लाख रुपये तक सीमित भी किया गया है।’
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत केवल किसी जगह निवास करने वाली बेटी के लिए ही खाता खोला जा सकता है। यदि निवास का स्थान बदल रहे हैं तो उसकी जानकारी संबंधित बैंक अथवा डाकखाने को देनी पड़ती है और एक महीने के भीतर निवास स्थान का स्थान अपने खाते में अपडेट कराना पड़ता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो खाता बंद समझा जाता है और उसके बाद से इसमें ब्याज की राशि नहीं भेजी जाती।
विदेश जाने से पहले खाता बंद कराना भी थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि जब तक भारत में हैं तब तक तो खाताधारक को निवासी ही माना जाता है। यदि एक बार निवास की स्थिति बदलती है तो किसी के लिए बैंक में जाकर खाता बंद कराना और भी मुश्किल हो सकता है।
राघव कहते हैं, ‘यदि आपको निकट भविष्य में विदेश जाकर रहना है तो सुकन्या योजना के तहत खाता खुलवाने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लीजिए।’