Sovereign Gold Bond 2017-18 Series II premature redemption: देश के 9वें (SGB 2017-18 Series II) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को 7,988 रुपये के रिकॉर्ड रिडेम्प्शन प्राइस पर मैच्योरिटी से पहले आखिरी यानी छठी बार बेचने का मौका बॉन्ड धारकों को मंगलवार (28 जनवरी 2025) को मिलेगा। यह बॉन्ड 28 जुलाई 2017 को जारी हुआ था इसलिए 28 जनवरी 2025 को मैच्योर होगा। वैसे बॉन्ड धारक ही इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले 28 जनवरी को भुना सकते हैं जिन्होंने इसके लिए अप्लाई किया है। प्रीमैच्योर रिडेम्पशन को लेकर इच्छुक बॉन्ड धारकों के लिए अप्लाई करने की तारीख 27 दिसंबर से लेकर 18 जनवरी तक थी।
कितने यूनिट गोल्ड बॉन्ड का अब तक हो चुका है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन ?
इस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन से पहले भी बॉन्डधारकों ने इस बॉन्ड में अपने यूनिट बेचे हैं। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि बॉन्ड धारक 5 मौकों पर इस 9वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के कुल 1,84,201 यूनिट पहले ही भुना चुके हैं। इससे पहले इस बॉन्ड के लिए कुल 23,49,953 यूनिट की खरीद की गई थी। इस तरह से इस बॉन्ड के 21,65,752 यूनिट अभी भी बचे हैं।
(SGB 2017-18 Series II)
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख | प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन वॉल्यूम | प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस |
28 जुलाई 2024 | 13,177 यूनिट | 7,337 रुपये प्रति यूनिट |
28 जनवरी 2024 | 23,852 यूनिट | 6,239 रुपये प्रति यूनिट |
28 जुलाई 2023 | 42,742 यूनिट | 5,956 रुपये प्रति यूनिट |
27 जनवरी 2023 | 66,208 यूनिट | 5,682 रुपये प्रति यूनिट |
28 जुलाई 2022 | 38,217 यूनिट | 5,054 रुपये प्रति यूनिट |
(Source: RBI)
कितना तय हुआ है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस आईबीजेए (IBJA) से 24 कैरेट गोल्ड (999) के लिए मिले रेट के आधार पर तय होते हैं। नियमों के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआती 9 सीरीज के प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए प्राइस इश्यू की मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के लिए आईबीजेए (IBJA) से प्राप्त गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। जबकि बाद की सीरीज के लिए यह मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के 3 कार्य दिवस (working days) के लिए आईबीजेए से प्राप्त गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होगा। क्योंकि यह आरबीआई की तरफ से जारी नौवीं सीरीज है। इसलिए रिडेम्प्शन प्राइस मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के सप्ताह का औसत क्लोजिंग प्राइस होगा। 25 जनवरी और 26 जनवरी को क्रमश: शनिवार और रविवार होने की वजह से आरबीआई (RBI) ने इस सीरीज का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 20 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय किया है। 20 से 24 जनवरी तक के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज 7,988 रुपये है, इसलिए यह 9वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस भी है।
तारीख | क्लोजिंग प्राइस (gold 999) |
20 जनवरी | 7,934 रुपये प्रति यूनिट |
21 जनवरी | 7,945 रुपये प्रति यूनिट |
22 जनवरी | 8,019 रुपये प्रति यूनिट |
23 जनवरी | 8,035 रुपये प्रति यूनिट |
24 जनवरी | 8,035 रुपये प्रति यूनिट |
25 जनवरी | शनिवार (Holiday) |
26 जनवरी | रविवार (Holiday) |
एवरेज क्लोजिंग प्राइस/ प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस | 7,988 रुपये प्रति यूनिट |
Source: IBJA
अब जानते हैं कि आखिर वैसे बॉन्ड धारक जो इन बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले 28 जनवरी को भुनाएंगे उन्हें कितनी कमाई होगी।
बिना टैक्स चुकाए कमाई
यह सॉवरेन गोल्ड (IN0020170034) 2,830 रुपये के इश्यू प्राइस पर 28 जुलाई 2017 को जारी हुआ था। जबकि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 7,988 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से इस सीरीज को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर बॉन्ड धारकों को 182.26 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न (कैपिटल गेन) मिलेगा। ऑनलाइन बॉन्ड धारक तो और ज्यादा फायदे में रहेंगे क्योंकि उन्हें इस बॉन्ड की खरीदारी पर इश्यू प्राइस के मुकाबले 50 रुपये प्रति यूनिट का डिस्काउंट भी मिला होगा। ऐसे बॉन्ड धारकों को इस बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन पर 187.34 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न मिलेगा।
टैक्स चुकाने के बाद कमाई
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में बॉन्ड धारक गोल्ड बॉन्ड इश्यू होने के 12 महीने बाद बेच रहे हैं इसलिए उन्हें कैपिटल गेन पर 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना पड़ेगा।
अब इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने के मामले में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स, ग्रॉस रिटर्न और एनुअल रिटर्न की गणना करते हैं:
परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस: 2,830 रुपये
रिडेम्प्शन प्राइस : 7,988 रुपये
टैक्सेबल कैपिटल गेन: 7,988-2,830 = 5,158 रुपये
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 645 रुपये
टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 5,158 – 645 = 4,513 रुपये
रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 7,988 – 645 = 7,343 रुपये
ऑफलाइन बॉन्ड धारक
ग्रॉस रिटर्न (%) : 159.47%
एनुअल रिटर्न (CAGR): 12.66%
ऑनलाइन बॉन्ड धारक
ग्रॉस रिटर्न (%) : 164.14%
एनुअल रिटर्न (CAGR): 12.91%
इंटरेस्ट जोड़कर कमाई
निवेशकों को इस सीरीज के लिए प्रति वर्ष 2.5 फीसदी यानी 35.38 रुपये प्रति छह महीने जबकि 7.5 साल की होल्डिंग पीरियड के दौरान 531 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला। इस तरह से देखें तो इंटरेस्ट को जोड़ने के बाद इस बॉन्ड से 13.65 फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) मिल सकता है। ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को तो 13.90 फीसदी का एनुअल रिटर्न मिलेगा। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।
SGB की इस सीरीज पर इंटरेस्ट जोड़कर सालाना कमाई (CAGR) की गणना:
परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस: 2,830 रुपये
रिडेम्प्शन प्राइस : 7,988 रुपये
टैक्सेबल कैपिटल गेन: 7,988-2,830 = 5,158 रुपये
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 645 रुपये
टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 5,158 – 645 = 4,513 रुपये
रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 7,988 – 645 = 7,343 रुपये
इंटरेस्ट: 531 रुपये
ऑफलाइन बॉन्ड धारक
ग्रॉस रिटर्न (%) : 178.23%
एनुअल रिटर्न (CAGR): 13.65%
ऑनलाइन बॉन्ड धारक
ग्रॉस रिटर्न: 183.24%
एनुअल रिटर्न (CAGR): 13.90%
अब जानते हैं कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को लेकर नियम क्या हैं?
कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन ?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप उसके इश्यू होने के 5 साल बाद मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है। इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट प्रत्येक छह महीने यानी साल में दो दफे मिलता है।
कैसे होती है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस की गणना?
नियमों के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआती 9 सीरीज के प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए रिडेम्पशन प्राइस इश्यू की मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के लिए आईबीजेए (IBJA) से प्राप्त गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। जबकि बाद की सीरीज के लिए यह मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के 3 कार्य दिवस (working days) के लिए आईबीजेए से प्राप्त गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होगा।
टैक्स को लेकर क्या हैं नियम ?
अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स की तरह लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 12 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 12 महीने बाद बेचते हैं तो 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा। लेकिन यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।