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PPF Rate Hike: पीपीएफ में पैसा लगाने वालों के लिए आ सकती है खुशखबरी! बढ़ सकती है ब्याज दर

छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में इस महीने के अंत यानी 30 जून, 2023 को संशोधन होना है

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 30, 2023 | 10:16 AM IST

PPF Rate Hike: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) यानि पीपीएफ में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बड़ी खबर आ रही है। माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से पीपीएफ पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट में इजाफा किया जा सकता है।

दरअसल छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में इस महीने के अंत यानी 30 जून, 2023 को संशोधन होना है। ऐसे में इस संबंध में आज कोई घोषणा की जा सकती है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 से पीपीएफ की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। तब से यह 7.1 फीसदी पर बनी हुई है। वहीं, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) और सुकन्या समृद्धि योजना सहित कई अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में पिछली दो तिमाहियों में बढ़ोतरी की गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल मई से रेपो रेट बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था। तब से अबतक इसमें 2.5 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है। इसलिए, निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार आगामी समीक्षा के दौरान सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली स्माल सेविंग योजनाओं में से एक की ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकती है।

क्या 2023 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पीपीएफ की ब्याज दर में होगी वृद्धि ?

यह जानने के लिए कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान पीपीएफ पर ब्याज में बढ़ोतरी होगी या नहीं, आपको यह समझने की जरूरत है कि ब्याज दर की कैलकुलेशन कैसे की जाती है।

पीपीएफ के ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला है जिसे 2016 में वित्त मंत्रालय ने नोटिफाई किया था। इसके तहत 10 साल के बांड यील्ड (Bond Yield) से 25 बेसिस प्वाइंट ज्यादा ब्याज पीपीएफ पर दिया जाता है। फिलहाल बांड यील्ड 7.3 फीसदी है। इस फॉर्मूला के आधार पर पीपीएफ के ब्याज दरों को 7.55 फीसदी तक बढ़ाया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार पिछले तीन महीनों की G-Secs आय के आधार पर हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। ऐसा यह श्यामला गोपीनाथ समिति, 2011 की सिफारिशों के अनुरूप है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बाजार से जुड़ी हों।

पीपीएफ जैसी बचत योजनाओं को सुरक्षित माना जाता है और यही सोच कर ज्यादातर लोग इसमें निवेश करते हैं। जो शेयर बाजार के उठापटक से दूर रहना पसंद करते हैं, वे ही इन योजनाओं में निवेश करने पर भरोसा करते हैं साथ ही टैक्स बचाने के लिए भी निवेश करते हैं। पीपीएफ की लोकप्रियता बनाये रखने के लिए भी सरकार पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव है।

First Published : June 30, 2023 | 10:16 AM IST