प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: ShutterStock
जैसे-जैसे आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने का समय नजदीक आ रहा है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह समझना जरूरी है कि उनके लिए कौन सा फॉर्म सबसे उपयुक्त है। वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है। वरिष्ठ नागरिकों, यानी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर विभाग ने कई रियायतें और अलग-अलग प्रावधान दिए हैं। लेकिन सही ITR फॉर्म चुनना उनके लिए बेहद जरूरी है ताकि वे अपनी आय को सही तरीके से बता सकें और टैक्स में छूट का लाभ उठा सकें।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ITR फॉर्म का चयन उनकी आय के स्रोत और कुल आय पर निर्भर करता है। आयकर विभाग ने विभिन्न प्रकार की आय के लिए अलग-अलग फॉर्म बनाए हैं, और वरिष्ठ नागरिकों को अपनी स्थिति के हिसाब से सही फॉर्म चुनना चाहिए। सामान्य तौर पर, वरिष्ठ नागरिकों के लिए निम्नलिखित फॉर्म प्रासंगिक हो सकते हैं:
ITR-1: यह फॉर्म उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है और आय का स्रोत वेतन, पेंशन, एक मकान की संपत्ति या अन्य स्रोत (जैसे बैंक ब्याज) से है। पेंशनभोगी वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय इन स्रोतों से आती है, उनके लिए ITR-1 सबसे आसान और उपयुक्त फॉर्म है। यह फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से भरा जा सकता है।
ITR-2: अगर वरिष्ठ नागरिक की आय में पूंजीगत लाभ (जैसे शेयर या म्यूचुअल फंड से कमाई) या एक से अधिक मकान की संपत्ति शामिल है, तो उन्हें ITR-2 फॉर्म चुनना चाहिए। यह फॉर्म उन लोगों के लिए भी है जिनके पास विदेश में संपत्ति या आय है।
ITR-3: यदि कोई वरिष्ठ नागरिक व्यवसाय या पेशे (प्रोफेशन) से आय अर्जित करता है, तो ITR-3 उनके लिए सही है। यह फॉर्म उन लोगों के लिए भी है जो ITR-1, ITR-2 या ITR-4 के दायरे में नहीं आते।
ITR-4: यह फॉर्म उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो अनुमानित कराधान (प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन) के तहत अपनी आय घोषित करते हैं, जैसे छोटे व्यवसाय या पेशे से आय।
वरिष्ठ नागरिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी आय के स्रोतों को ध्यान से देखें और सही फॉर्म चुनें। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न में त्रुटि हो सकती है, जिससे बाद में परेशानी हो सकती है।
आयकर अधिनियम, 1961 के तहत वरिष्ठ नागरिकों को कई टैक्स छूट और लाभ दिए गए हैं, जो उनके लिए रिटर्न दाखिल करने को और आसान बनाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
उच्च छूट सीमा: 60 से 80 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट की सीमा 3 लाख रुपये है, जबकि 80 वर्ष से अधिक उम्र के अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है। न्यूज वेबसाइट द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए यह सीमा केवल 2.5 लाख रुपये है। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम चुनने पर यह छूट नहीं मिलती, और सभी के लिए छूट सीमा 3 लाख रुपये रहती है।
75 वर्ष से अधिक के लिए विशेष छूट: 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, जिनकी आय केवल पेंशन और उसी बैंक से ब्याज है, उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उन्हें फॉर्म 12BBA अपने बैंक में जमा करना होता है, और बैंक उनके टैक्स की गणना करेगा। यह प्रावधान अप्रैल 2021 से लागू है।
अग्रिम कर से छूट: अगर वरिष्ठ नागरिक की आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है, तो उन्हें एडवांस टैक्स देने की जरूरत नहीं है। यह नियम आयकर अधिनियम की धारा 207 के तहत लागू है।
ब्याज आय पर छूट: धारा 80TTB के तहत, वरिष्ठ नागरिकों को डाकघर जमा, सावधि जमा (FD) या बचत खाते से मिलने वाले ब्याज पर 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है। अगर उनकी कुल आय छूट सीमा से कम है, तो वे फॉर्म 15H जमा करके TDS से भी बच सकते हैं।
इन छूटों का लाभ उठाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि नया रिजीम इनमें से कई छूटों को सीमित करता है।
ITR दाखिल करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है, खासकर आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम और सावधानियां इस प्रकार हैं:
जरूरी डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करें: रिटर्न दाखिल करने से पहले फॉर्म 16 (पेंशन के लिए), फॉर्म 26AS (TDS विवरण), बैंक स्टेटमेंट, ब्याज प्रमाणपत्र और निवेश से जुड़े डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें। ये डॉक्यूमेंट्स आय और टैक्स की सही गणना में मदद करते हैं।
टैक्स रिजीम का चयन: वरिष्ठ नागरिकों को ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प मिलता है। अगर वे ओल्ड रिजीम चुनना चाहते हैं, तो उन्हें फॉर्म 10-IEA जमा करना होगा। यह हर साल चुना जा सकता है, बशर्ते उनकी आय व्यवसाय से न हो।
ऑनलाइन या ऑफलाइन दाखिल करना: 80 वर्ष से अधिक के अति वरिष्ठ नागरिक ITR-1 या ITR-4 को ऑफलाइन (पेपर फॉर्म में) जमा कर सकते हैं। अन्य सभी के लिए ऑनलाइन दाखिल करना अनिवार्य है। ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करके, सही फॉर्म चुनकर और सभी विवरण भरकर रिटर्न जमा किया जा सकता है।
ई-वैरिफिकेशन: रिटर्न दाखिल करने के बाद, इसे आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए सत्यापित करना जरूरी है। यह प्रक्रिया रिटर्न को पूर्ण करती है।
समय सीमा का रखें ध्यान: गैर-ऑडिट मामलों के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। अगर यह तारीख छूट जाती है, तो 31 दिसंबर 2025 तक विलंब शुल्क के साथ रिटर्न दाखिल किया जा सकता है।
वरिष्ठ नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स सलाहकार की मदद लें, खासकर अगर उनकी आय के स्रोत जटिल हों। इससे गलतियों की संभावना कम होती है और कर बचत के अवसर बढ़ते हैं।
वरिष्ठ नागरिक सही ITR फॉर्म चुनकर और उपलब्ध छूटों का लाभ उठाकर वे अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं। ITR-1 और ITR-2 सबसे आम फॉर्म हैं, लेकिन आय के आधार पर ITR-3 या ITR-4 भी उपयुक्त हो सकते हैं। आयकर विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने की कोशिश की है, फिर भी सावधानी और जागरूकता जरूरी है। समय पर रिटर्न दाखिल करने और सही जानकारी देने से न केवल कानूनी परेशानियों से बचा जा सकता है, बल्कि वित्तीय स्थिरता भी सुनिश्चित होती है।