प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
ITR Filing 2025: यदि आप इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपनी जरूरी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल ID या बैंक अकाउंट अपडेट करते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ सुचारु संचार के लिए ई-वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
ई-वेरिफिकेशन आपकी अपडेट की गई जानकारी को मान्य करता है और इसे सुरक्षित रूप से आपके टैक्स रिकॉर्ड से जोड़ता है। बिना ई-वेरिफिकेशन के, आपको इनकम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जरूरी सूचनाएं या रिफंड आपके बैंक अकाउंट में नहीं मिल सकता।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, निम्नलिखित जानकारी बदलने पर ई-वेरिफिकेशन जरूरी है:
– प्राइमरी मोबाइल नंबर
– ईमेल एड्रेस
– बैंक अकाउंट डिटेल्स
यह सुनिश्चित करता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे संपर्क कर सके और रिफंड बिना देरी के प्रोसेस हो सके।
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CBDT की वेबसाइट के अनुसार, जानकारी को सत्यापित करने के लिए कई तरीके उपलब्ध हैं:
1. आधार से जुड़े मोबाइल पर OTP: यदि आपका आधार आपके मोबाइल नंबर से लिंक है, तो आप वन-टाइम पासवर्ड (OTP) के जरिए जल्दी वेरिफिकेशन कर सकते हैं।
2. नेट बैंकिंग: अपने बैंक खाते में नेट बैंकिंग के माध्यम से लॉगिन करें और ई-वेरिफिकेशन विकल्प चुनकर अपनी पहचान वेरीफाई करें।
3. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC): जिनके पास DSC है, वे इसका उपयोग करके वेरिफिकेशन पूरा कर सकते हैं।
4. बैंक ATM: कुछ बैंक अपने ATM सेवाओं के जरिए ई-वेरिफिकेशन की सुविधा देते हैं।
5. डिमैट अकाउंट: लिंक्ड डिमैट अकाउंट्स के माध्यम से भी वेरिफिकेशन किया जा सकता है।
– सुनिश्चित करें कि आपका आधार आपके वर्तमान मोबाइल नंबर से लिंक है।
– यदि आप नेट बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, तो आपका PAN बैंक खाते से लिंक होना चाहिए।
– जानकारी बदलने के बाद जल्द से जल्द ई-वेरिफिकेशन पूरा करें ताकि ई-फाइलिंग सेवाओं में कोई रुकावट न आए।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपनी संपर्क और वित्तीय जानकारी को नियमित रूप से अपडेट और वेरीफाई करने से टैक्स सीजन के दौरान अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है और डिपार्टमेंट से समय पर संचार सुनिश्चित होता है।