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Gold vs Silver vs Sensex: अगर किसी ने 2005 में ₹1 लाख सोने, चांदी और सेंसेक्स में लगाए होते तो आज उनकी वैल्यू कितनी होती?

Gold vs Silver vs Sensex: सोने की कीमत 13 जून को 1 लाख रुपये के पार पहुंच गई। इस पीली धातु ने साल 2005 से अबतक निवेशकों को 1200 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- June 14, 2025 | 9:29 AM IST

Gold vs Silver vs Sensex: पिछले दो दशकों में सोने के रिटर्न पर नजर डाले तो संकट के दौर में इस कीमती मेटल ने निवेशकों का साथ नहीं छोड़ा और इसकी मजबूती चमक सबसे अलग नजर आई। साल 2008 में जब सेंसेक्स 52.44% टूट गया, तब सोना 28.6% चढ़ा। इसी तरह 2011 और 2020 में भी सोने ने बेहतर प्रदर्शन किया। यहां तक कि 2013 और 2015 जैसे करेक्शन वाले वर्षों में भी सोने की गिरावट इक्विटी की तुलना में काफी सीमित रही।

निवेश के कई तरह के ऑप्शन अवेलेबल होने के बावजूद सोने की चमक आज भी बनी हुई है। सोने ने पिछले कई सालों में निवेशकों को न सिर्फ अच्छा रिटर्न दिया है बल्कि दुनिया में उथल-पुथल के बीच भरोसेमंद निवेश एसेट के रूप में भी उभरा है। इसी कड़ी में सोने की कीमत 13 जून को 1 लाख रुपये के पार पहुंच गई। इस पीली धातु ने साल 2005 से अबतक निवेशकों को 1200 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। इसके मुकाबले सेंसेक्स ने इसी अवधि में 815 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि की कीमतों में इस दौरान करीब 670 प्रतिशत की तेजी आई।

Gold vs Silver vs Sensex: 20 साल में किसने दिया सबसे ज्यादा रिटर्न?

अगर किसी निवेशक ने साल 2005 में 1 लाख रुपये का निवेश सोना, चांदी और सेंसेक्स में किया होता, तो 20 साल बाद यानी 2025 तक इनकी वैल्यू में बड़ा अंतर देखने को मिलता। सबसे बेहतर प्रदर्शन सोने (Gold) ने किया। इसमें करीब 1200% यानी 12 गुना रिटर्न देखने को मिला। इसका मतलब है कि अगर आपने 2005 में सोने में एक लाख रुपये लगाए होते तो यह राशि बढ़कर लगभग 13 लाख रुपये हो जाती।

वहीं, चांदी (Silver) ने इस अवधि के दौरान लगभग 670 प्रतिशत (6.70 गुना) का रिटर्न दिया। इस तरह, आगे आपने 20 साल पहले चांदी में एक लाख रुपये का निवेश किया होता तो यह आज इसकी वैल्यू बढ़कर लगभग 7.68 लाख रुपये हो जाती।

इसके अलावा देश के प्रमुख स्टॉक मार्केट इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) ने पिछले 20 साल में करीब 815 फीसदी (8.15 गुना) का रिटर्न दिया है। अगर आपने सेंसेक्स में तब 1 लाख रुपये की राशि लगाई होती तो आज यह निवेश बढ़कर लगभग 9.15 लाख रुपये हो जाता।

इस तुलना से स्पष्ट है कि पिछले दो दशकों में सोना निवेश के लिहाज़ से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला एसेट साबित हुआ है। खासकर संकट और अनिश्चितताओं के दौर में। वहीं, बीएसई सेंसेक्स ने इस दौरान स्थिर रिटर्न दिए। जबकि चांदी ने तुलनात्मक रूप से अस्थिर लेकिन मीडियम रिटर्न दिया।

निवेश विकल्प रिटर्न (%) वृद्धि (गुना) ₹1 लाख की वर्तमान वैल्यू (2025)
🟡 सोना (Gold) 1,200% 12 गुना ₹13,00,000
चांदी (Silver) 668.84% 6.68 गुना ₹7,68,840
📈 सेंसेक्स (Sensex) 814.86% 8.15 गुना ₹9,15,000

Gold: क्या अभी भी है सेफ ऑप्शन?

वीटी मार्केट्स में ग्लोबल स्ट्रैटेजी ऑपरेशंस लीड रॉस मैक्सवेल के अनुसार, इन तमाम वजहों से सोना अब भी लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद ‘सेफ हेवन’ एसेट बना हुआ है। यह बाजार की अस्थिरता के बीच स्थिरता की पेशकश करता है। वहीं, ट्रेडर्स के लिए सोने में मौके जरूर हैं। लेकिन इसके लिए आर्थिक और तकनीकी कारकों की सावधानीपूर्वक निगरानी जरूरी है।

वेंचुरा में कमोडिटी डेस्क और सीआरएम एन एस रामास्वामी का कहना है कि सोने की सुरक्षित निवेश अपील मजबूत बनी रहने की संभावना है। खास तौर पर मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए। स्थिरता और अस्थिरता से सुरक्षा चाहने वाले निवेशकों के पोर्टफोलियो में यह एक महत्वपूर्ण एसेट बनी हुई है।

First Published : June 14, 2025 | 8:51 AM IST