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Form 16, 16A और 16B को लेकर है कन्फ्यूजन! ITR फाइल करने से पहले समझ लें किसके लिए कौन-सा फॉर्म है जरूरी

TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) सर्टिफिकेट एक ऑफिशियल डॉक्युमेंट होता है, जो उस पर्सन या एंटिटी को इश्यू किया जाता है जिसने किसी पेमेंट पर टैक्स डिडक्ट किया हो।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- February 17, 2025 | 12:12 PM IST

Form 16 vs Form 16A vs Form 16B: अगर आप टैक्सपेयर्स हैं, तो आपने फॉर्म 16, फॉर्म 16A और फॉर्म 16B (Form 16, Form 16A and Form 16B) के बारे में जरूर सुना होगा। ये तीनों डॉक्युमेंट्स टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) से जुड़े होते हैं और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए जरूरी माने जाते हैं। हालांकि, कई बार लोग इन तीनों फॉर्म को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं, क्योंकि ये सभी टैक्स से जुड़े प्रमाणपत्र होते हैं।

क्या होता है TDS?

TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) सर्टिफिकेट एक ऑफिशियल डॉक्युमेंट होता है, जो उस पर्सन या एंटिटी को इश्यू किया जाता है जिसने किसी पेमेंट पर टैक्स डिडक्ट किया हो। इनकम टैक्स एक्ट के अंदर, कुछ स्पेसिफिक पेमेंट करने से पहले टैक्स डिडक्ट करना जरूरी होता है। यह टैक्स डिडक्शन पेयर द्वारा किया जाता है और गवर्नमेंट को डिपॉज़िट किया जाता है। TDS सर्टिफिकेट यह प्रूफ देता है कि पेमेंट से पहले टैक्स डिडक्ट हो चुका है।

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्या है? आसान भाषा में समझें

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक फॉर्म होता है, जिसे हर व्यक्ति को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा करना होता है। इसमें आपकी सालभर की इनकम और उस पर दिए जाने वाले टैक्स की जानकारी होती है। ITR में जो भी डिटेल्स भरी जाती हैं, वे एक फाइनेंशियल ईयर (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए होती हैं।

इनकम के अलग-अलग सोर्स क्या हो सकते हैं?

  • सैलरी से इनकम – नौकरी से मिलने वाली सैलरी
  • बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई – खुद का बिजनेस या फ्रीलांस वर्क
  • हाउस प्रॉपर्टी से इनकम – किराए से मिलने वाली कमाई
  • कैपिटल गेन से इनकम – शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी बेचने से होने वाला फायदा
  • अन्य स्रोतों से इनकम – ब्याज, डिविडेंड, रॉयल्टी, लॉटरी जीतने से होने वाली कमाई

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आइए, इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि फॉर्म 16, फॉर्म 16A और फॉर्म 16B क्या होते हैं और इनमें क्या अंतर है।

Form 16 क्या होता है?

फॉर्म 16 एक जरूरी दस्तावेज है, जो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत जारी किया जाता है। यह एक सर्टिफिकेट होता है, जिसमें आपके बीते वित्तीय वर्ष की सैलरी और उस पर कटा हुआ टैक्स (TDS) की जानकारी होती है। इसे आमतौर पर नियोक्ता (Employer) अपने कर्मचारियों को देता है। यह दस्तावेज आय प्रमाण पत्र और टीडीएस सर्टिफिकेट दोनों का काम करता है।

फॉर्म 16 से जुड़ी जरूरी बातें:

कुछ मामलों में कंपनियां अपने कर्मचारियों को Form 16 नहीं देती हैं। खासकर, जिन कर्मचारियों की टैक्स योग्य आय बेसिक छूट सीमा से कम होती है, उन्हें Form 16 नहीं मिलता।

हालांकि, सभी सैलरीड कर्मचारी, चाहे उन्हें Form 16 मिले या न मिले, Income Tax Return (ITR) फाइल करना जरूरी है, अगर उनकी कुल आय बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट से ज्यादा है।

  • पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Regime) में यह लिमिट ₹2.5 लाख है।
  • नई टैक्स व्यवस्था (New Regime) में यह लिमिट ₹3 लाख है।

अगर आपकी आय बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट से कम है, तो आपको ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, Form 16 के बिना भी ITR फाइल किया जा सकता है।

अगर आपने एक साल में अलग-अलग कंपनियों में काम किया है, तो आपको हर नियोक्ता से अलग-अलग फॉर्म 16 मिलेगा। ITR फाइल करने के लिए यह एक जरूरी दस्तावेज होता है। फॉर्म 26AS में फॉर्म 16 के आधार पर काटे गए TDS की पूरी जानकारी होती है।

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फॉर्म 16 कब जारी किया जाता है?

नियोक्ता को फॉर्म 16 हर वित्तीय वर्ष के बाद 15 जून तक जारी करना होता है, जिसमें उस वित्तीय वर्ष की सैलरी और टैक्स कटौती का पूरा ब्योरा दिया जाता है।

फॉर्म 16 दो भागों में बंटा होता है:

पार्ट A: इसमें टैक्स कटौती से जुड़ी जानकारी होती है।
पार्ट B: इसमें कर्मचारी की सैलरी, भत्ते, कटौतियां और टैक्स छूट जैसी जानकारियां शामिल होती हैं। अगर टैक्स सेक्शन 194P के तहत काटा गया है, तो

इसमें वरिष्ठ नागरिक की पेंशन, ब्याज आय और अन्य कटौतियों की जानकारी भी होगी।

फॉर्म 16 के फायदे क्या हैं?

  • TDS का प्रमाण: फॉर्म 16 यह साबित करता है कि आपके एम्प्लॉयर ने आपकी सैलरी से टैक्स काटकर सरकार को जमा किया है। इससे टैक्स की पारदर्शिता बनी रहती है।
  • आसान टैक्स फाइलिंग: इसमें आपकी इनकम और टैक्स से जुड़ी सभी जरूरी डिटेल्स होती हैं, जिससे ITR फाइल करना जल्दी और सही तरीके से हो जाता है।
  • लोन के लिए मददगार: अगर आप पर्सनल या होम लोन लेना चाहते हैं, तो बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस इनकम प्रूफ के लिए फॉर्म 16 को एक्सेप्ट करते हैं।
  • वीजा अप्लिकेशन में उपयोगी: कई देशों में वीजा के लिए टैक्स भरने का प्रूफ देना जरूरी होता है। फॉर्म 16 आपकी इनकम और टैक्स पेमेंट का आधिकारिक रिकॉर्ड देता है।
  • जॉब बदलने में सहायक: अगर आप नौकरी बदल रहे हैं, तो नया एम्प्लॉयर आपकी इनकम और टैक्स डिटेल्स वेरीफाई करने के लिए फॉर्म 16 मांग सकता है।

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Form 16A:

फॉर्म 16 का पार्ट A एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें TDS (टैक्स कटौती) और जमा करने की पूरी जानकारी होती है। इसमें नियोक्ता (employer) और कर्मचारी (employee) का PAN नंबर, नियोक्ता का TAN नंबर, और तिमाही आधार पर वेतन और टैक्स कटौती का पूरा रिकॉर्ड होता है।

फॉर्म 16 A से जुड़ी अहम बातें:

  • नियोक्ता (employer) इसे TRACES पोर्टल (https://www.tdscpc.gov.in/app/login.xhtml) से डाउनलोड कर सकता है।
  • इसे जारी करने से पहले नियोक्ता को इसकी प्रमाणिकता सुनिश्चित करनी होती है।
  • अगर एक वित्तीय वर्ष में नौकरी बदली है, तो हर नियोक्ता अलग-अलग पार्ट A जारी करेगा।

फॉर्म 16 A में क्या जानकारी होती है?

  • नियोक्ता का नाम और पता
  • नियोक्ता का TAN और PAN नंबर
  • कर्मचारी का PAN नंबर
  • तिमाही आधार पर वेतन का सारांश
  • टीडीएस कटौती और जमा की जानकारी (जो नियोक्ता द्वारा प्रमाणित होती है)

फॉर्म 16 का पार्ट A यह सुनिश्चित करता है कि आपकी टीडीएस कटौती सही तरीके से दर्ज और जमा हुई है। यह दस्तावेज आयकर रिटर्न (ITR) भरने में भी बेहद उपयोगी होता है।

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Form 16B:

अगर आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो Form 16B की जानकारी होना जरूरी है। यह एक TDS सर्टिफिकेट होता है, जिसे खरीदार (Buyer) बेचने वाले (Seller) को जारी करता है। इसे आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 194-IA के तहत जारी किया जाता है।

Form 16B से जुड़ी जरूरी बातें:

कब लागू होता है? जब कोई इमूवेबल प्रॉपर्टी (Agricultural Land को छोड़कर) बेची जाती है।
TDS कौन काटेगा? खरीदार को 1% TDS काटकर सरकार के पास जमा करना जरूरी है।
अगर PAN नहीं है? अगर बेचने वाले ने PAN नहीं दिया, तो TDS 20% की दर से काटा जाएगा (सेक्शन 206AA के तहत)।
Form 26QB क्या है? यह TDS पेमेंट का रिटर्न और चालान होता है, जिसे ऑनलाइन भरना जरूरी है।
TDS जमा करने की समय सीमा: जिस महीने TDS काटा गया हो, उसके 30 दिन के अंदर Form 26QB फाइल करना जरूरी है।

अगर आपने कोई प्रॉपर्टी बेची है, तो आपको Form 16B तभी मिलेगा जब:

  • खरीदार आपको यह फॉर्म दे, क्योंकि यह TDS कटौती का प्रमाण होता है।
  • डील की वैल्यू ₹50 लाख या उससे ज्यादा हो।
  • बेचने वाला व्यक्ति भारत का रेजिडेंट हो।

यानी, अगर आपने ₹50 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी बेची है और आप इंडिया के रेजिडेंट हैं, तो आपको खरीदार से Form 16B मिल सकता है।

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Form 16 कैसे डाउनलोड करें?

TRACES (TDS Reconciliation Analysis and Correction Enabling System) इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जहां TDS से जुड़े कई काम किए जाते हैं। यह प्लेटफॉर्म एम्प्लॉयर्स, टैक्सपेयर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स को सर्विसेज देता है। एम्प्लॉयर्स यहां से Form 16 Part A & B डाउनलोड कर सकते हैं।

Form 16 को डाउनलोड करना चाहते हैं, तो ये स्टेप्स फॉलो करें:

  • TRACES की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
  • अगर पहले से अकाउंट बना है तो PAN (यूजर आईडी) और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें। नए यूजर्स को पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा।
    ‘Downloads’ टैब में जाएं और ‘Form 16’ सिलेक्ट करें।
  • फॉर्म का टाइप और फाइनेंशियल ईयर चुनें।
  • PAN और अन्य डीटेल्स वेरीफाई करें।
  • TDS रिसीट नंबर और TDS की डेट डालें।
  • कुल टैक्स डिडक्शन और कलेक्शन की जानकारी भरें।
  • Submit बटन पर क्लिक करें।
  • जब फॉर्म डाउनलोड के लिए रेडी हो जाए, तो ‘Downloads’ टैब से इसे डाउनलोड कर लें।
First Published : February 17, 2025 | 12:10 PM IST