HSBC की ग्लोबल एंटरप्रेन्योरियल वेल्थ रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत के अमीर कारोबारी अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा शेयर, बॉन्ड और रियल एस्टेट में निवेश करते हैं। रिपोर्ट बताती है कि कम से कम $2 मिलियन की निवेश योग्य संपत्ति रखने वाले 82 प्रतिशत भारतीय कारोबारियों ने इन एसेट क्लासेस में निवेश को प्राथमिकता दी है।
यह आंकड़ा 10 अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बिजनेस मालिकों के औसत 51 प्रतिशत से काफी ज्यादा है। इसके अलावा, भारतीय अमीर कारोबारी दूसरे व्यवसायों (41 प्रतिशत) और कीमती धातु व पत्थरों (25 प्रतिशत) में भी निवेश करते हैं।
HSBC की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अमीर कारोबारी शेयर बाजार की तेजी और मजबूत अर्थव्यवस्था की वजह से निवेश और खर्च को लेकर तैयार रहते हैं। यह रिपोर्ट 1,798 अमीर कारोबारियों के सर्वे पर आधारित है, जिनके पास कम से कम $2 मिलियन की निवेश योग्य संपत्ति है। इनमें से 583 लोग अल्ट्रा-अमीर हैं, जिनकी संपत्ति $100 मिलियन से ज्यादा है।
यह सर्वे फ्रांस, हांगकांग, भारत, चीन, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, ताइवान, यूएई, यूके और अमेरिका में किया गया।
HSBC इंडिया के संदीप बत्रा ने कहा: “भारतीय शेयर बाजार की तेजी, मजबूत अर्थव्यवस्था और अल्ट्रा-अमीर लोगों की बढ़ती संख्या की वजह से कारोबारी बड़े निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अपने नेटवर्क और मेंटरशिप को भी अहमियत देते हैं और समाज में सकारात्मक योगदान करना चाहते हैं।”
रियल एस्टेट पर ज्यादा खर्च
रिपोर्ट बताती है कि 61 प्रतिशत भारतीय अमीर कारोबारी अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा निजी इस्तेमाल के लिए रियल एस्टेट पर खर्च करते हैं, जबकि दुनियाभर में यह आंकड़ा 51 प्रतिशत है।
HSBC की ग्लोबल एंटरप्रेन्योरियल वेल्थ रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारतीय अमीर कारोबारी लग्ज़री चीज़ों और अनुभवों पर दुनियाभर के औसत से ज्यादा खर्च करते हैं।
लग्ज़री चीज़ों पर खर्च: 56% भारतीय कारोबारी लग्ज़री सामान पर खर्च करते हैं, जबकि वैश्विक औसत 40% है।
लग्ज़री अनुभवों पर खर्च: 44% भारतीय कारोबारी लग्ज़री अनुभवों पर पैसा खर्च करते हैं, जबकि वैश्विक औसत 35% है।
कला और कलेक्टिबल्स पर कम खर्च: केवल 14% भारतीय कारोबारी आर्ट और संग्रहणीय वस्तुओं (collectibles) पर खर्च करते हैं, जबकि वैश्विक औसत 25% है।
घरेलू बाजार में ज्यादा रुचि
बड़ी चिंताएं और सरकार पर भरोसा
भारतीय अमीर कारोबारियों को सबसे ज्यादा चिंता बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई और टैक्सेशन की है। हालांकि, 75% कारोबारी महसूस करते हैं कि उन्हें सरकार से सहयोग मिल रहा है। 86% कारोबारी मानते हैं कि समाज कारोबारियों को महत्व देता है, जो वैश्विक स्तर पर (यूएई के साथ) सबसे ज्यादा है।