इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं ने पिछले छह महीने (फरवरी 2024 तक) में एकमुश्त निवेश के तौर पर 46,200 करोड़ रुपये हासिल किए हैं जो इससे पिछले छह महीने में मिले निवेश का करीब तीन गुना है। फरवरी में निवेशकों ने एकमुश्त निवेश के जरिये म्युचुअल फंडों में 11,500 करोड़ रुपये लगाए जो मार्च 2022 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। उद्योग निकाय एम्फी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
म्युचुअल फंडों के अधिकारियों ने कहा कि निवेशक इक्विटी में अतिरिक्त रकम के निवेश के लिए बाजार के उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के मुख्य निवेश अधिकारी नीलेश सुराणा ने कहा कि एकमुश्त निवेश आमतौर पर विवेक पर निर्भर करते हैं और निवेशक अक्सर अस्थिर बाजार के दौरान ऐसी रकम लगाना पसंद करते हैं। यह तरीका तार्किक और एसआईपी से अलग है।
ऐक्सिस फंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी बी. गोपकुमार ने कहा कि इसकी वजह का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि निवेशकों के विविध आधार को देखते हुए यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। हालांकि आम तौर पर देखा गया है कि जब-जब बाजार में गिरावट आती है तो एकमुश्त निवेश में तेजी आ जाती है।
हाल के महीनों में इक्विटी बाजार में उतारचढ़ाव रहा है और लार्जकैप इंडेक्स निफ्टी मजबूती के दौर में है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में ज्यादा उतारचढ़ाव रहा क्योंकि नियामक ने मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों के बढ़ते भावों को लेकर चिंता जताई। 12 फरवरी को यह इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा टूट गया। दो अन्य मौकों पर यह एक फीसदी से ज्यादा नीचे आया।
इसके साथ ही एसआईपी के जरिये शुद्ध निवेश अपेक्षाकृत सुस्त रहा। सितंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच शुद्ध एसआईपी निवेश 38,210 करोड़ रुपये रहा जो मार्च 2023 से अगस्त 2023 की अवधि के मुकाबले 22 फीसदी ज्यादा है।
माना जाता है कि एसआईपी निवेश का बाजार के हालात से कोई लेना देना नहीं होता है लेकिन एकमुश्त निवेश का बाजार के मौजूदा सेंटिमेंट से काफी जुड़ाव होता है। ज्यादातर एकमुश्त निवेश मौके के हिसाब से होते हैं। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा ज्यादातर निवेश अमीर निवेशकों की तरफ से आता है।
सुराणा ने कहा कि बाजार की टाइमिंग हमेशा सही तरीका नहीं होती लेकिन जब बाजार सही कीमत वाले दायरे में हो तब अगर रकम का निवेश किया जाए तो समझदारी बनती है और बाजार में गिरावट के साथ यह चरणबद्ध तरीके से भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मॉलकैप में जरूरत से ज्यादा आवंटन करने वाले निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो दोबारा संतुलित करने पर विचार करना चाहिए। हमारा मानना है कि लंबी अवधि के लिए आदर्श फंड अब या तो मल्टीकैप या लार्ज व मिडकैप श्रेणी में होना चाहिए।
एकमुश्त निवेश में बढ़ोतरी ने इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश फरवरी के दौरान 26,860 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया जो मार्च 2022 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। एकमुश्त निवेश के तौर पर मिले 11,500 करोड़ रुपये के अलावा बाकी रकम एसआईपी या एनएफओ के जरिए आई है। एसआईपी ने जहां 6,470 करोड़ रुपये का योगदान दिया वहीं एनएफओ के जरिये 11,470 करोड़ रुपये मिले।