बाजार के रुख से फायदा उठाने और पैसा बनाने वाले बिचौलियों को सरकार का एक फैसला इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने कामबंदी का फैसला कर लिया।
ये बिचौलिये प्रतिभूति अंतरण कर (एसटीटी) को आयकर में छूट योग्य नहीं मानने के सरकार के फैसले से नाराज हैं।सूत्रों के मुताबिक अगले महीने से एसटीटी व्यवस्था लागू होने पर बाजार के ये खिलाड़ी बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। बिचौलियों में जॉबर और आर्बिट्रेजर शामिल हैं। अगर एसटीटी पर उन्हें आयकर में छूट नहीं मिलती, तो इस कारोबार में रहने का फायदा भी उन्हें नहीं होगा।
बिचौलियों के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष निर्मल अग्रवाल ने बताया कि अगले महीने से जॉबर और आर्बिट्रेजर अपनी बहियां नहीं लाएंगे।आर्बिट्रेजर बिचौलियों की वह जमात होती है, जो एक ही शेयर को दो अलग-अलग बाजारों में बेचकर रकम बनाते हैं। नकद और डेरिवेटिव बाजार में कीमतों में फर्क का फायदा उन्हें मिल जाता है।जॉबर किसी खास शेयर का कारोबार करते हैं और आम तौर पर नकद बाजार ही उनका मैदान होता है।
अशित सी मेहता स्टॉक ब्रोकिंग के निदेशक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की आचार संहिता समिति के पूर्व सदस्य देना मेहता कहते हैं, ‘सरकार बिचौलियों पर दोहरी मार कर रही है। एसटीटी को आयकर में छूट के योग्य नहीं मानने से उन्हें दो बार कर देना पड़ेगा। यह वाकई?उनके साथ नाइंसाफी होगी। सरकार को इस बारे में कुछ सोचना ही पड़ेगा, वरना बाजार का नुकसान होगा।’