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इस स्मॉलकैप लोहा-इस्पात कंपनी ने किया शेयर buyback का ऐलान, 1 साल में 187% उछला स्टॉक!

इससे पहले, वित्त वर्ष 2023-24 में GPIL ने ₹500 प्रति शेयर के हिसाब से 50 लाख इक्विटी शेयरों का buyback किया था।

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- June 10, 2024 | 3:50 PM IST

गोदावरी पावर एंड इस्पात (GPIL) के शेयरों ने आज (सोमवार) कारोबार के दौरान बीएसई पर 11 फीसदी की उछाल के साथ ₹1,086.05 के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ लिया। कंपनी द्वारा शेयर buyback योजना की घोषणा के बाद यह तेजी देखी गई। लोहा और स्टील बनाने वाली इस कंपनी का शेयर 3 जून को बने अपने पिछले रिकॉर्ड ₹1,019.95 को पार कर गया है।

कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 15 जून, 2024 (शनिवार) को होनी है, जहां कंपनी के ₹5 के फेस वैल्यू वाले पूरी तरह से भुगतान किए गए इक्विटी शेयरों के buyback के प्रस्ताव पर विचार और अप्रूवल किया जाएगा। GPIL ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी।

इससे पहले, वित्त वर्ष 2023-24 में GPIL ने ₹500 प्रति शेयर के हिसाब से 50 लाख इक्विटी शेयरों का buyback किया था।

पिछले एक साल में GPIL के शेयरों की कीमत में भारी उछाल आई है। यह बढ़त 187 फीसदी है, जबकि BSE Sensex सिर्फ 22.35 फीसदी ऊपर गया है। पिछले छह महीनों में भी GPIL के शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया है, इनमें 57 फीसदी की तेजी आई है, जबकि सेंसेक्स सिर्फ 10 फीसदी ऊपर चढ़ा है। अभी (दोपहर 1:06 बजे) के समय GPIL का शेयर 7 फीसदी की बढ़त के साथ ₹1,045.30 पर कारोबार कर रहा है, जबकि सेंसेक्स 0.09 फीसदी ऊपर है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि buyback या share repurchase एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कंपनी अपने शेयरधारकों से उनके शेयर वापस खरीद लेती है। आमतौर पर कंपनियां बाजार मूल्य से ज्यादा दाम देकर अपने शेयर buyback करती हैं। Buyback दो तरीकों से किया जा सकता है: टेंडर ऑफर और ओपन मार्केट ऑफर। कंपनी अपने शेयरधारकों से शेयर buyback करने के लिए इनमें से कोई भी तरीका चुन सकती है।

टेंडर ऑफर में कंपनी एक खास दाम (ऑफर प्राइस) पर अपने शेयर वापस खरीदने का ऑफर देती है और शेयरधारक उस दाम पर अपने शेयर बेच सकते हैं। ओपन मार्केट में कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों से बेचने वालों से सीधे शेयर खरीदकर buyback कर सकती है।

गोदावरी पावर एंड इस्पात (GPIL) दो खुद की लोहे की खदानों से लोहे का अयस्क निकालने से लेकर लोहे के पेलेट्स और हाई-वैल्यू वाले स्टील प्रोडक्ट के उत्पादन तक का काम करती है। यह भारतीय स्टील उद्योग में एक प्रमुख कंपनी है, जो अपने इंटीग्रेटेड स्टील कारखानों और मजबूत मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के लिए जानी जाती है।

भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है, जो देश में स्टील उत्पादन और खपत के लिए एक सुनहरा अवसर है। अधिक स्टील उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, जिससे ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, सौर उपकरण और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में विशेष स्टील की मांग बढ़ने की उम्मीद है। बुनियादी ढांचा, पूंजीगत सामान, ऑटोमोबाइल, रेलवे, हवाई अड्डे, बिजली और अन्य क्षेत्रों में भी आकर्षक संभावनाएं हैं।

स्टील की मांग के पॉजिटिव ट्रेंड को देखते हुए, पेलेट की कीमतों को अच्छी तरह से सपोर्ट मिलना चाहिए। भारत वैश्विक रूप से स्टील की मांग के लिए एक आकर्षक केंद्र बना हुआ है। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन का अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत की स्टील मांग 8.2 फीसदी और 2025 में 144 मिलियन टन और 156 मिलियन टन तक बढ़ने की संभावना है।

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन आगे भविष्यवाणी करता है कि भारत का स्टील उद्योग सभी इस्पात-प्रतिरोधी क्षेत्रों में निरंतर विकास से प्रेरित होकर महत्वपूर्ण विस्तार का अनुभव करेगा, विशेष रूप से मजबूत बुनिया ढांचा निवेश से संचालित।

इस्पात की मांग को लेकर काफी सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में भारत में इस्पात की मांग लगातार बढ़ेगी। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन का अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 2024 में यह मांग 8.2 फीसदी बढ़कर 2025 में 144 मिलियन टन से 156 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी। इस वृद्धि के पीछे भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत अभियान और बढ़ता हुआ बुनियादी ढांचा निवेश अहम कारण हैं।

साथ ही ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, सौर ऊर्जा उपकरण और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी इस्पात की मांग बढ़ने का अनुमान है। स्टील की मांग बढ़ने से जुड़ा हुआ एक और महत्वपूर्ण पहलू पेलेट की कीमतों का है। पेलेट स्टील बनाने का एक मुख्य कच्चा माल है, इसलिए मांग बढ़ने के साथ पेलेट की कीमतों में भी मजबूती आने की संभावना है।

गोदावरी पावर एंड इस्पात (GPIL) कंपनी का दावा है कि उनकी मजबूत आर्थिक स्थिति, अपनी लोहे की खदानों का फायदा, हाई क्वालिटी वाले पेलेट्स बनाने की क्षमता, उत्पादन बढ़ाने से लागत में कमी, सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रदूषण कम करना और पूंजी निवेश की मजबूत योजना कंपनी के भविष्य के लिए बहुत अच्छी बात है। इसके अलावा, कंपनी को चलाने वाले लोगों का 40 साल से ज्यादा का अनुभव और उनका मजबूत नेतृत्व कंपनी की तरक्की के लिए शुभ संकेत हैं।

First Published : June 10, 2024 | 3:50 PM IST