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Bosch के शेयर की रेटिंग में बदलाव के ज्यादा आसार नहीं

मौजूद निवेश और नए अवसरों से Bosch को अपना राजस्व आधार बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- December 03, 2023 | 9:48 PM IST

वाहन कलपुर्जा निर्माता Bosch का शेयर पिछले पखवाड़े (28 नवंबर तक) के दौरान करीब 8 प्रतिशत चढ़ा। भले ही सितंबर तिमाही में कंपनी के नतीजों ने बाजार को निराश किया, लेकिन त्योहारी मांग और निर्यात में सुधार, प्रति वाहन बढ़ते कंटेंट को इस शेयर के लिए भविष्य में मुख्य सकारात्मक बदलाव माना जा रहा है। मौजूद निवेश और नए अवसरों से कंपनी को अपना राजस्व आधार बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

जहां कंपनी की सितंबर तिमाही में बिक्री प्रदर्शन काफी हद तक अनुमानों के अनुरूप रहा, वाहन खंड में 13 प्रतिशत तथा गैर-वाहन में 8 प्रतिशत की तेजी आई, लेकिन परिचालन मुनाफे के मोर्चे पर कुछ दबाव देखा गया।

कंपनी का सकल मार्जिन एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 190 आधार अंक और तिमाही आधार पर 230 आधार अंक तक घटकर 33.2 प्रतिशत रह गया। कंपनी को कमजोर उत्पाद मिश्रण के साथ साथ ट्रैक्टरों की सुस्त भागीदारी की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा।

परिचालन मुनाफा मार्जिन पर 11.9 प्रतिशत का प्रभाव 10 आधार अंक तक सीमित रहा। जहां सकल मार्जिन कम रहा और बिक्री के अनुपात के तौर पर कर्मचारी लागत बढ़ गई, वहीं कंपनी अन्य खर्च घटाकर इसकी भरपाई करने में सक्षम रही।

व्यवसाय की बिक्री और इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण इकाइयों और सामान्य रेल इंजेक्टरों में स्थानीयकरण के लिए तकनीकी शुल्क में कमी को देखते हुए अन्य खर्चों में कमी नए व्यापार निवेश में कमी की वजह से आई। कंपनी को स्थानीय तौर पर कंटेंट बढ़ाकर मार्जिन सुधारने में मदद मिल सकती है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक जिनेश गांधी का कहना है, ‘बॉश स्थानीयरण के लिए प्रतिबद्ध बनी हुई है और इससे उसे मध्यावधि में फायदा होगा। हालांकि हमें व्यवसाय में ढांचागत बदलाव की वजह से अगले 2-3 साल के दौरान मार्जिन में 15 प्रतिशत से ज्यादा सुधार के आसार नहीं दिख रहे हैं।’

वाहन/गैर-वाहन खंडों, दोनों में कमजोर वृद्धि और सुस्त मार्जिन को ध्यान में रखकर ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2024/वित्त वर्ष 2025 के लिए अपना ईपीएस अनुमान 24-5 प्रतिशत तक घटा दिया है।

अपनी प्रतिस्पर्धी हैसियत कमजोर पड़ने के साथ साथ ईवी के बढ़ते जोखिम की वजह से मूल्यांकन पर दबाव पड़ा है। ब्रोकरेज का कहना है कि जहां इन नकारात्मक बदलावों का असर शेयर पर दिख चुका है, वहीं अब इसकी रेटिंग में सुधार के लिए कोई खास कारण नजर नहीं आ रहा है।

First Published : December 3, 2023 | 9:48 PM IST