बाजार

शेयर बाजार में गिरावट अस्थायी, ‘बाई-द-डिप’ रणनीति का जोर

कई विश्लेषकों की लंबी कमजोरी की भविष्यवाणियों के बावजूद स्मॉलकैप सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।

Published by
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- December 15, 2024 | 10:35 PM IST

करेक्शन जोन में प्रवेश करने के बाद (ताजा ऊंचाई से 10 प्रतिशत की गिरावट) घरेलू बाजारों ने धीमी आय, आर्थिक वृद्धि और ऊंचे मूल्यांकन से जुड़ी चिंताओं के बावजूद तेजी से वापसी की है। 21 नवंबर को अपने हाल के निचले स्तरों से निफ्टी 50 सूचकांक में 6.1 प्रतिशत की तेजी आई है जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 8.5 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 10.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

कई विश्लेषकों की लंबी कमजोरी की भविष्यवाणियों के बावजूद स्मॉलकैप सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। यह पहली बार नहीं है जब तेज गिरावट के बाद जोरदार तेजी आई है। इससे जोखिम उठाने वाले उन निवेशकों को फायदा हुआ है, जिन्होंने गिरावट में खरीदारी की।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के एक विश्लेषण के अनुसार वर्ष 2022 के बाद से यह छठी बार है जिसमें निफ्टी-50, निफ्टी मिडकैप 100 या निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में अपने ताजा ऊंचे स्तरों से 5 प्रतिशत या इससे भी ज्यादा गिरावट आई है। केवल एक अपवाद को छोड़कर, हरेक गिरावट के बाद तीन महीने के भीतर बाजारों में अच्छा खासा उछाल देखा गया।

विश्लेषकों का मानना है कि यह रुझान बाई-द-डिप (गिरावट में खरीद) रणनीति को मजबूत बना रहा है और यह विश्वास दिला रहा है कि परिस्थितियां चाहे जो भी हों, बाजार में बहाली आएगी। नतीजतन, यह निवेशकों को जोखिम भरे दांव लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जो संभावित आय संबंधी निराशा या ऊंचे मूल्यांकन की चिंता को अक्सर नजरअंदाज कर रहे हैं।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक चोकालिंगम जी ने कहा, ‘हाल के वर्षों में हर सप्ताह लाखों निवेशक बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। निवेशक आधार का विस्तार हुआ है और डीमैटेरियलाइज्ड यानी डीमैट खातों की संख्या 18 करोड़ को पार कर गई है क्योंकि महामारी के बाद से बाजार लगातार तेजी पर सवार हैं। हर बार जब भी नए निवेशक जुड़ते हैं तो बाजार या तो नए शिखर पर होता है या उसके करीब होता है। इसलिए जब कोई गिरावट होती है तो वे इसे खरीदने के अवसर के रूप में देखते हैं। एसआईपी योजनाएं मजबूत हैं और घरेलू संस्थान लंबे समय तक नकदी अपने पास नहीं रख सकते। उनकी बड़ी खरीदारी देखी जा रही है। किसी बाहरी कारक की वजह से जब तक कोई बड़ी गिरावट नहीं आती तब तक मौजूदा रुझान जारी रहने की संभावना है। हालांकि गिरावट में खरीदारी की रणनीति अतीत में कारगर रही है लेकिन विशेषज्ञ आगाह करते हैं कि अगर आय या आर्थिक बुनियादी बातें तेजी की मददगार नहीं होती हैं तो यह रणनीति विफल भी हो सकती है।’

स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा का कहना है, ‘इस बार आर्थिक आंकड़े कमजोर हैं और हमने 2024-25 की पहली छमाही में आय वृद्धि की गति में सुस्ती देखी है। दूसरी तिमाही कमजोर थी और अगली तिमाही भी शायद बहुत अच्छी न रहे। जब तक कोई बड़ा सकारात्मक आश्चर्य न हो, मुझे नहीं लगता कि बाजार में ज्यादा सुधार होगा। अगर तीसरी तिमाही के नतीजे निराश करते हैं, तो इससे लंबे समय तक धारणा प्रभावित हो सकती है और बड़ी गिरावट का कारण बन सकते हैं।’

कई विश्लेषकों के 2025 में घरेलू इक्विटी के लिए रिटर्न का नरम अनुमान जताए जाने के बावजूद बाजार में ताजा उछाल देखा गया है। यूबीएस और नोमूरा जैसे ब्रोकरों ने सुस्त वृहद परिदृश्य और आय चक्र के बीच घरेलू बाजारों की रेटिंग में संभावित कमी का संकेत दिया है।

पिछले सप्ताह कोटक सिक्योरिटीज ने दिसंबर 2025 के लिए निफ्टी का लक्ष्य 26,100 तय किया जो मौजूदा स्तर से महज 5.4 प्रतिशत तेजी का संकेत है। कोटक सिक्योरिटीज का मानना है कि जहां भारत के वृहद आर्थिक हालात मजबूत बने हुए हैं, वहीं ताजा तिमाही नतीजों से ग्रामीण मांग में कमजोरी का पता चला है, जो जून में दिखी रिकवरी से अलग है।

हरेक बाजार चक्र में चढ़ने और गिरने वालों की मिलृजुली संख्या होती है जिससे गिरावट पर खरीदारी की रणनीति कहीं अधिक जटिल हो जाती है। हाल में आई तेजी में रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्रों के शेयरों ने बढ़त का नेतृत्व किया है जबकि एफएमसीजी, फार्मास्युटिकल और ऊर्जा शेयरों ने खराब प्रदर्शन किया है।

बेंचमार्क सूचकांकों में ज्यादा भारांक रखने वाले आईटी शेयरों ने हाल में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों की तेजी को बढ़ावा दिया है। निवेशक इन उम्मीदों की वजह से आईटी शेयरों पर उत्साहित हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प द्वारा संभावित कॉरपोरेट कर कटौती से अमेरिकी कंपनियां आईटी खर्च बढ़ाएंगी। इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर की बढ़ती ताकत से सॉफ्टवेयर निर्यातकों को फायदा हुआ है, जो अपना ज्यादातर राजस्व डॉलर में कमाते हैं।

First Published : December 15, 2024 | 10:35 PM IST