Rahul Singh, CIO-Equities, Tata Mutual Fund
टाटा म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) राहुल सिंह ने अभिषेक कुमार के साथ फोन पर हुई बातचीत में कहा कि अल्पावधि में इक्विटी बाजार का प्रतिफल आय वृद्धि पर केंद्रित रहेगा, जिसे देखते हुए मूल्यांकन में बदलाव की गुंजाइश सीमित है। सिंह का मानना है कि बाजार के लिए एकमात्र समस्या ग्रामीण मांग के मोर्चे पर पैदा हो सकती है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
बाजार में मजबूत आर्थिक परिवेश का असर दिखा है। मूल्यांकन अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले महंगा है और उचित भी है। हम आर्थिक परिदृश्य और संपूर्ण वृहद आर्थिक स्थायित्व के संदर्भ में बेहतर स्थिति में हैं। सिर्फ बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय हमें 7 प्रतिशत वृद्धि दर के लिए किसी संभावित जोखिम के लिए अर्थव्यवस्था पर नजर रखनी चाहिए।
मौजूदा समय में, हमें भूराजनीतिक तनाव में संभावित वृद्धि को छोड़कर कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही है। इस महंगे मूल्यांकन के लिए कई कारक हैं, बशर्ते कि इसमें इजाफा न हो। ऐसे परिवेश में इक्विटी बाजार प्रतिफल आय वृद्धि दर के अनुरूप रहेगा और आगामी वित्त वर्ष में यह 12 से 15 प्रतिशत के बीच रह सकता है।
चुनौतीपूर्ण एवं संभावित भू-राजनीतिक जोखिमों से परे, वर्तमान में प्राथमिक प्रतिकूल स्थिति ग्रामीण खपत में सुस्त सुधार है। यदि खपत की रफ्तार सुस्त बनी रही तो इससे बड़ा झटका लग सकता है और सकल जीडीपी प्रभावित हो सकती है। मांग में नरमी से पूंजीगत खर्च चक्र भी बाधित होगा, जिसमें अभी निजी भागीदारी की वजह से सुधार देखा जा रहा है। हालांकि इस चुनौती की भरपाई बढ़ती निर्यात संभावनाओं से हो सकती है।
पिछले डेढ़ साल में बढ़ी हुई ब्याज दरों ने कंपनियों के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला है। रियल एस्टेट और वाहन जैसे कई ब्याज दर-संवेदी क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहे हैं। यदि बढ़ती ब्याज दरों का मांग पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है तो दरों में संभावित गिरावट का भी ज्यादा असर नहीं पड़ सकता है।
एक वर्षीय नजरिये से आकर्षक रिस्क/रिवार्ड प्रोफाइल के साथ निजी क्षेत्र के बैंकों का मूल्यांकप उचित दिख रहा है। मजबूत संभावनाओं वाला अन्य क्षेत्र है फार्मास्युटिकल। इससे संकेत मिलता है कि शायद बुरा दौर पीछे छूट गया है। खासकर अमेरिका में मूल्य निर्धारण दबाव अब दूर हो गया है।
हम ट्रू-टु-लेबल बने रहना चाहेंगे। लार्जकैप में निवेश की स्वायत्तता के बावजूद, हमने लगातार इस रणनीति पर अमल किया है। योजना को पांच साल पूरे हो गए हैं। पिछले साल के जुलाई में, हमने निवेश संबंधित चुनौतियां दूर करने के लिए एकमुश्त निवेश पर कुछ सीमाएं लगाईं।
हां, मैं ऐसा मानता हूं। लार्जकैप क्षेत्र में रिस्क/रिवार्ड अनुपात स्मॉलकैप और मिडकैप के मुकाबले ज्यादा अनुकूल है। हालांकि, यह बताना जरूरी है कि अर्थव्यवस्था की सकारात्मक राह और विनिर्माण तथा निवेश चक्रों में अनुकूल रुझानों को देखते हुए, हम स्मॉलकैप के बारे में निराशावादी नहीं हैं।
दिसंबर तिमाही के परिणाम संतोषजनक रहे हैं। जहां राजस्व वृद्धि अच्छी नहीं थी, वहीं मुनाफा वृद्धि 20 प्रतिशत से ऊपर रही। ऐसा शायद मुख्य तौर पर मार्जिन वृद्धि की वजह से हुआ और यह ट्रेंड बरकरार रह सकता है। भविष्य में, अगले साल के लिए हमारा अनुमान 14-15 प्रतिशत की वृद्धि दर का है।