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Premier Explosives के शेयरों में 10% की तेजी, स्टॉक स्प्लिट के बाद दोगुनी हुई कीमत!

5 जून को Premier Explosives के शेयर की कीमत 426 रुपये थी, जो आज बढ़कर 903 रुपये हो गई।

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- June 21, 2024 | 4:01 PM IST

प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स (Premier Explosives) नाम की कंपनी के शेयरों में आज बहुत तेजी रही। बाकी बाजार गिरने के बावजूद इस कंपनी के शेयरों की कीमत 10% बढ़ गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने अपने शेयरों को छोटे टुकड़ों में बांट दिया (स्टॉक स्प्लिट)। आम तौर पर स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत कम हो जाती है, लेकिन इस कंपनी के मामले में कुल मिलाकर शेयरों की कीमत दोगुनी से ज्यादा हो गई। 5 जून को शेयर की कीमत 426 रुपये (स्टॉक स्प्लिट को ध्यान में रखकर) थी, जो आज बढ़कर 903 रुपये हो गई। इस दौरान एनएसई और बीएसई दोनों पर कुल मिलाकर 21 लाख शेयरों का कारोबार हुआ।

शेयरों को बांटने के लिए उन्होंने 21 जून 2024 की तारीख को निर्धारित किया है। विभाजन के तहत मौजूदा 10 रुपये वाले एक शेयर को 5 छोटे शेयरों में बांटा जाएगा, जिनमें से प्रत्येक का मूल्य 2 रुपये होगा। ऐसा करने का मुख्य कारण कंपनी के शेयरों को अधिक किफायती बनाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उन्हें खरीद सकें। इससे शेयर बाजार में इन शेयरों की खरीद-फरोख्त भी आसान हो जाएगी।

अभी तक साल 2024 में, प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स के शेयर की कीमत में 181% का इजाफा हुआ है। इसकी तुलना में, बीएसई सेंसेक्स सिर्फ 6.5% ही बढ़ा है। पिछले साल 2023 में भी कंपनी के शेयरों की कीमत 277% बढ़ी थी। मार्च 2020 में इसकी कीमत 11.30 रुपये थी जो अब तक 7776% बढ़कर काफी ऊपर पहुंच गई है।

यह कंपनी भारत में उच्च क्षमता वाली सामग्री बनाने वाली लीडिंग कंपनी है। यह स्वदेशी तकनीक और प्रसार के साथ रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भाग लेती है। विस्फोटक बनाने और उन्हें विकसित करने के लिए इसके लाइसेंस हैं और बाजार में इसकी मजबूत पकड़ है। प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स माइनिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योगों के लिए विविध प्रकार के कमर्शियल एक्सप्लोसिव्स का निर्माण करती है। इसके उत्पादों में थोक विस्फोटक, कारतूस विस्फोटक, कास्ट बूस्टर, डेटोनेटर, डेटोनेटिंग फ्यूज आदि शामिल हैं।

प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स कई तरह के मिसाइलों के लिए ठोस ईंधन बनाती है, जैसे युद्ध के लिए इस्तेमाल होने वाली अस्त्र, आकाश और LRSAM/MRSAM मिसाइलें। साथ ही, यह अग्नि जैसी रणनीतिक मिसाइलों और वेदा आदि के लिए भी ईंधन बनाती है।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी इस कंपनी का अहम योगदान है। यह इसरो को PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) में इस्तेमाल होने वाली PSOM-XL मोटर सप्लाई करती है। कंपनी के पास अभी कुल मिलाकर 965 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं, जो वित्त वर्ष 24 की कमाई का लगभग 3.6 गुना है। इनमें से ज्यादातर ऑर्डर रक्षा क्षेत्र से हैं, जिनकी कुल राशि 834 करोड़ रुपये है, यानी कुल ऑर्डर का 86%। विस्फोटक से जुड़े ऑर्डर 19 करोड़ रुपये के हैं और सर्विस सेगमेंट (जिसमें ऑपरेशन और रख-रखाव शामिल है) के ऑर्डर 111 करोड़ रुपये के हैं।

वित्त वर्ष 24 में कंपनी को लगभग 711.5 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले (जीएसटी को छोड़कर)। इनमें बीडीएल, एलएंडटी और रक्षा मंत्रालय (वायुसेना), एलबिट, आईएआई जैसी कंपनियों के ऑर्डर शामिल हैं, जिन्हें अगले 9 से 18 महीनों में पूरा किया जाएगा।

कंपनी रक्षा और विस्फोटक से जुड़े क्षेत्रों में और ज्यादा ऑर्डर हासिल करने की कोशिश कर रही है। उम्मीद है कि आने वाले समय में रक्षा क्षेत्र के ऑर्डर मिलने और उन्हें पूरा करने से कंपनी के मुनाफे और कुल कैश फ्लो में सुधार होगा।

भारत माइनिंग और औद्योगिक विस्फोटकों के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश भी है। इसका मतलब है कि प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स जैसी कंपनियों के लिए बहुत बड़े अवसर मौजूद हैं। देश में औद्योगिकीकरण, निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के बढ़ने से विस्फोटकों की मांग भी लगातार बढ़ रही है, जिसका फायदा इस कंपनी को मिल रहा है।

प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स कई तरह के उद्योगों को अपनी चीज़ें बेचती है, जैसे माइनिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और अंतरिक्ष। रक्षा क्षेत्र के बजट में सरकार लगातार बढ़ोतरी कर रही है, जिससे उम्मीद है कि इन चीज़ों की मांग भी बढ़ेगी।

इसके अलावा, सरकार ने आयात को कम करने के लिए कुछ चीज़ों की लिस्ट बनाई है और कुछ चीज़ों को निर्यात करने की इजाजत भी दी है। इससे कंपनी को रक्षा सामान बेचने के नए अवसर मिल सकते हैं। लेकिन, आईसीआरए का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया और लंबी मंजूरी प्रक्रिया की वजह से रक्षा क्षेत्र से होने वाली कमाई में उतार-चढ़ाव आ सकता है।

First Published : June 21, 2024 | 4:01 PM IST