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MGL और IGL के शेयर हुए धराशायी, सरकार के ‘इस’ कदम की वजह से आई गिरावट

एमजीएल बीएसई पर कारोबारी सत्र के दौरान 18 फीसदी फिसलकर 1,075 रुपये पर आ गया। अंत में यह शेयर 13.79 फीसदी की गिरावट के साथ 1,130.55 रुपये पर बंद हुआ।

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- November 18, 2024 | 10:09 PM IST

सिटी गैस वितरक कंपनियों महानगर गैस (MGL) और इंद्रप्रस्थ गैस (IGL) के शेयर सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान 15 फीसदी तक टूट गए क्योंकि केंद्र सरकार ने प्रशासित कीमत की व्यवस्था वाला देसी गैस का उनका आवंटन और घटा दिया है। इस कदम से गैस वितरक कंपनियों के लाभ पर असर पड़ सकता है। कम गैस आवंटन 16 नवंबर, 2024 से प्रभावी होगा।

आईजीएल का शेयर 20 फीसदी टूटकर 326.70 रुपये पर आ गया और इस तरह से उसने 10 गुना औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण 52 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया। यह शेयर 20 नवंबर, 2023 के अपने पिछले निचले स्तर 382.80 रुपये से भी नीचे चला गया। अंत में यह बीएसई पर 19.93 फीसदी की गिरावट के साथ 325.05 रुपये पर बंद हुआ।

इस बीच, एमजीएल बीएसई पर कारोबारी सत्र के दौरान 18 फीसदी फिसलकर 1,075 रुपये पर आ गया। अंत में यह शेयर 13.79 फीसदी की गिरावट के साथ 1,130.55 रुपये पर बंद हुआ। शेयर ने 23 नवंबर को 52 हफ्ते के निचले स्तर 1,018 को छुआ था। ये शेयर 52 हफ्ते के अपने-अपने उच्चस्तर से क्रमश: 43 फीसदी व 46 फीसदी टूटे हैं।

इसके अलावा गुजरात गैस (Gujrat Gas) का शेयर बीएसई (BSE) पर कारोबारी सत्र के दौरान 9 फीसदी टूटकर 442.80 रुपये पर आ गया। गुजरात गैस का शेयर अंत में 6.82 फीसदी की गिरावट के साथ 453.05 रुपये पर बंद हुआ।

आईजीएल ने एक्सचेंज को दी सूचना में कहा कि घरेलू गैस आवंटन के लिए नोडल एजेंसी गेल से मिले संदेश के आधार पर 16 नवंबर, 2024 से कंपनी के गैस आवंटन में और कटौती होगी। कंपनी ने कहा कि संशोधित गैस आवंटन पहले के मुकाबले करीब 20 फीसदी कम होगा जिसका कंपनी के लाभ पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

आईजीएल ने कहा कि उसे सीएनजी बिक्री वॉल्यूम की जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार की तरफ से तय कीमत पर गैस मिलती है, जो अभी 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। कंपनी इसका समाधान निकालने के लिए सभी विकल्पों को देख रही है।

इस बीच, एमजीएल ने कहा कि प्रशासित कीमत की व्यवस्था के तहत कंपनी को गैस का आवंटन करीब 18 फीसदी घटा है, जो 16 नवंबर से प्रभावी हो गया है। गैस आवंटन में कमी से कंपनी के लाभ पर असर पड़ेगा। इसकी भरपाई के लिए एमजीएल सभी विकल्पों को देख रही है ताकि वह अपने ग्राहकों को स्थिर कीमत के साथ गैस मुहैया करा सके।

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज का अनुमान है कि सिटी गैस वितरक कंपनियों को अपना एबिटा/एससीएम मार्जिन बनाए रखने के लिए सीएनजी की कीमतें 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ानी होंगी, यह मानते हुए कि एपीएम गैस आवंटन में कमी की भरपाई 9-10 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू वाली गैस से होगी।

ब्रोकरेज फर्म ने हाल में सभी सिटी गैस वितरक कंपनियों के एबिटा/एससीएम अनुमानों में कटौती की थी और यह 16 अक्टूबर से प्रभावी गैस आवंटन में कटौती के कारण की गई थी।

First Published : November 18, 2024 | 10:00 PM IST